हाय गज़ब कहीं तारा टूटा-तीसरी कसम १९६६
में होती है। इस फिल्म के गीत संगीत रसिकों के लिए अनमोल खज़ाना
है विशेषकर मुकेश और लता के गाये गीत। इस फिल्म में आशा भोंसले के
गाये तीन गीत हैं। केवल एक गीत लोकप्रिय है और बाकी २ अनसुने से हैं।
उन अनसुने गीतों को भी सुन लिया जाए। शैलेन्द्र के बोल हैं और संगीत
शंकर जयकिशन का। गाँव की नौटंकी का माहौल है और उसमे नायिका
वहीदा रहमान नाच रही हैं। दर्शक दीर्घा में नायक राज कपूर बैठे हैं।
इफ़्तेख़ार नाम के कलाकार को भी पहचानिए। ये वही इफ़्तेख़ार
हैं जो अमिताभ वाली डॉन में पुलिस इंस्पेक्टर बने थे।
कहते हैं टूटते तारे को देख के जो माँगा जाए मिल जाता है। इस गीत
में कुछ और ही किस्सा बयां हो रहा है। हर कोई चाहता है एक मुट्ठी
आसमान ..............
गीत के बोल:
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
लूटा रे लूटा मेरे सैयां ने लूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
लूटा रे लूटा मेरे सैयां ने लूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
पहला तारा अटरिया पे टूटा
दाँतों तले मैं ने दाबा अंगूठा
दाँतों तले मैं ने दाबा अंगूठा
लूटा रे लूटा सांवरिया ने लूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
लूटा रे लूटा मेरे सैयां ने लूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
दूसरा तारा बज़रिया में टूटा
दूसरा तारा बज़रिया में टूटा
देखा है सबने कि मेला सा छूटा
देखा है सबने कि मेला सा छूटा
लूटा रे लूटा सिपहिया ने लूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
लूटा रे लूटा मेरे सैयां ने लूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
तीसरा तारा फूल बगिया में टूटा
तीसरा तारा फूल बगिया में टूटा
फूलों से पूछे कोई है कौन झूठा
फूलों से पूछे कोई है कौन झूठा
लूटा रे लूटा दरोगा ने लूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
लूटा रे लूटा मेरे सैयां ने लूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
लूटा रे लूटा मेरे सैयां ने लूटा
हाय गज़ब कहीं तारा टूटा
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Haye ghazab kahin tara toota-Teesri kasam 1966
Aerist: Waheeda Rehman
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