सैयां सलोने से नैन मिला के-विलेज गर्ल १९४५
जोर का झटका धीरे से। आपको सन १९५० के भी पीछे लिए
चलते हैं। आज आपको विलेज गर्ल अर्थात 'गाँव की गोरी' फिल्म
का गीत सुनवाते हैं। वली साहब के गीत की धुन तैयार की
है संगीतकार श्याम सुन्दर ने। गाने और वाद्य संयोजन में
पंजाबियत बरकरार है। श्याम सुन्दर पंजाबी मूल के संगीतकार
थे। शेम सुन्दर ने कम फिल्मों में संगीत दिया मगर वे अपनी
अलग छाप छोड़ गये फिल्म जगत पर। गाना मेहँदी और लीपापोती
की रस्म के बाद गियर बदलता है और एक मस्त गीत सुनाई देने
लगता है। जिस कलाकार को मेहँदी लगायी जा रही है उसका नाम
है नूरजहाँ जिनके कई गीत आपने सुने होंगे। नजीर नाम के शख्स
दूल्हा बने हैं और घोड़ी के आगे नाचने वाली कलाकार का नाम है
गीता निजामी। गीत गाया है अमीर बाई कर्नाटकी ने। इस ब्लॉग पर
श्याम सुन्दर का ये गीत सुनिए आपको उनके संगीत को पहचानने
में मदद मिलेगी-ऐसे रसिया का-ढोलक ।
नूरजहाँ के हाव भाव देख कर ऐसा लग रहा है की उनको मेहँदी लगवाने
में आनंद आ रहा है। उल्लेखनीय है कि ये फिल्म नूरजहाँ की शुरुआती
कुछ फिल्मों में से एक है।
गीत के बोल:
सैयां सलोने से नैन
सैयां सलोने से नैन, मिला के, प्रीत लगा के
हाय, जान गई
सैयां सलोने से नैन
मेरी जान गई जान गई जान गई
मेरी जान गई जान गई जान गई
सैयां सलोने से नैन
सैयां सलोने से नैन, मिला के, प्रीत लगा के
हाय, जान गई
सैयां सलोने से नैन
हो, रावी किनारे
रावी किनारे मोरा छोटा सा गाँव
रावी किनारे मोरा छोटा सा गाँव
पतझड़ की धूप छांव
तारों की छांव
पतझड़ की धूप छाँव
तारों की छांव
सूनी नगरिया बसो मोरे राजा हो
मोरे सैयां हो
मेरी जान गई जान गई जान गई
मेरी जान गई जान गई जान गई
सैयां सलोने से नैन
सैयां सलोने से नैन, मिला के, प्रीत लगा के
हाय, जान गई
सैयां सलोने से नैन
हो नैनों के गाँव
नैनों के गाँव में आजा रे बालम
नैनों के गाँव में आजा रे बालम
सपनों की दुनिया बसा जा रे बालम
सपनों की दुनिया बसा जा रे बालम
फिर मुझको गरवा लगा मोरे राजा हो
मोरे सैयां हो
मेरी जान गई जान गई जान गई
मेरी जान गई जान गई जान गई
सैयां सलोने से नैन
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Saiyan salone se nain-Village girl 1945
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