बटाटा वडा-हिफाज़त १९८७
आपको सन १९४१ के गीत के जिक्र के वक़्त बताया था कि फिल्म निर्माण
की तकनीक ने इस कदर विकास किया कि ज़मीन पर रेंगते रेंगते गीत गाते
नायक नायिका हवा में उड़ कर भी गीत गाने लगे। विशेष प्रभावों के माध्यम
से ये संभव हुआ। प्रस्तुत गीत में भी एक ऐसा ही प्रभाव है।
लगभग सभी खाने पीने की चीज़ें गीतों के माध्यम से बोलिवुडियों ने याद
कर ली हैं। बॉलीवुड की उत्पत्ति हुई है बम्बई में तो बटाटा वडा कैसे
भुलाया जा सकता है। आम और ख़ास दोनों वर्गों को समान रूप से प्रिय
ये बम्बैया खाना आपको शहर में हर जगह आसानी से और उत्तम गुणवत्ता
वाला मिल जायेगा। इसे जनता नाश्ते और खाने में जैसे चाहे खाती है,
चटनी के साथ, बिना चटनी के।
फिल्म में कहानी कुछ यूँ है-नायक नायिका एक बटाटा वडे की दुकान
पर पहुँच जाते हैं, वहां बटाटा बड़े बनाने वाली महिला वडे के मसाले
में गलती से भांग डाल देती है। भांग वाले वडे खाने के बाद क्या होता है
वो इस गीत में आप देखिये। गीत का मसाला तैयार किया है आनंद बक्षी
ने और इसको धुन में तल कर स्वादिष्ट बनाया है आर डी बर्मन ने। गाने
वाले कलाकार हैं-एस पी बालसुब्रमण्यम और एस जानकी ।
गीत के बोल:
बटाटा वडा हे
बटाटा वडा
दिल नहीं देना था, देना पड़ा
बटाटा वडा हे
बटाटा वडा
प्यार नहीं करना था, करना पड़ा
बटाटा वडा, हे
बटाटा वडा
बटाटा वडा, बटाटा वडा
होते जो होश मं हम
ऐसे ना झूम जाते
अच्छा यही था पहले
हम तुम ना पास आते
हो ओ ओ ओ ओ
अब दूर जाना है मुश्किल बड़ा
बटाटा वडा, हे
बटाटा वडा
दिल नहीं देना था, देना पड़ा
बटाटा वडा, डा डा डा डा डा
बटाटा वडा
लगता है आज दिल के
अरमान निकाल रहे हैं
कैसी है आग जिस में
हम दोनों जल रहे हैं
जा ठन्डे पानी का
ले आ तू घड़ा
बटाटा वडा है
बटाटा वडा हा हा हा हा हा
दिल नहीं देना था, देना पड़ा
हो हो हो हो हो हो हो
बटाटा वडा, बटाटा वडा
मस्ती में दिल की कश्ती
जाये ना डूब अपनी
डूबे के पार उतरे
जोड़ी है खूब अपनी
तू भी है कंवारी
मैं भी हूँ छडा, हा हा हा हा हा
बटाटा वडा, आ हा हा
बटाटा वडा आ हा हा हा
दिल नहीं देना था, देना पड़ा
बटाटा वडा, आ हा हा
बटाटा वडा, टा वडा
टा वडा
........................
Batata Wada-Hifazat 1987
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