बड़े बेवफा हैं ये हुस्न वाले-रूप तेरा मस्ताना १९७२
आज एक गीत स्वतः दिमाग में आया सोचा आपको सुनवा दिया जाये और तो,
संयोगवश ये आपको स्मार्ट इंडियन सुनवा चुके हैं अपने ब्लॉग पर कुछ ही दिन
पहले । इस फिल्म का नाम सुन कर आपको शायद १९६९ की आराधना के किशोर
के गाये गीत की याद अवश्य ही आएगी।
इस गीत में भाव लगभग वही हैं पत्थर के सनम वाले गीत के-'पत्थर के सनम
तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना'। फर्क इतना है कि वो गीत मजरूह का लिखा
हुआ है और परदे पर मनोज कुमार पर फिल्माया गया है और इस गीत के गीतकार
आनंद बक्षी हैं और इसे परदे पर जीतेंद्र गा रहे हैं। दोनों गीतों में आपको मुमताज़
नामक अभिनेत्री दिखाई देती हैं। ये उस दौर की फिल्म है जिसमें अभिनेत्री मुमताज़
प्रथम श्रेणी कि सफल अभिनेत्रियों कि कतार में शामिल हो चुकी थीं।
गायक दोन ही गीतों के हैं-रफ़ी और संगीत भी दोनों गीतों का संगीतकार जोड़ी
लक्ष्मीकान्य प्यारेलाल ने तैयार किया है। गौर तलब है कि १९६७(पत्थर के सनम )
और १९७२ (रूप तेरा मस्ताना) तक लक्ष्मी प्यारे उसी शैली को बरकरार रख पाने
में सफल रहे। ये फिल्म अलबत्ता ज्यादा नहीं चली मगर फिल्म का ये गीत बेहद
लोकप्रिय हुआ।
गीत को आप निस्संदेह जीतेंद्र पर फिल्माए रफ़ी के सर्वश्रष्ठ गीतों में गिन सकते
हैं। गीत में आपको प्राण और अरुणा ईरानी नाम के कलाकार भी दिखाई देंगे।
प्राण तो स्वाभाविक तौर पर फिल्म के खलनायक ही हैं।
गीत के बोल:
हो ओ ओ ओ ओ ओ
बड़े बेवफा है ये हुस्न वाले
बड़े बेवफा है ये हुस्न वाले
पर तेरी बात कुछ और है
बड़े बेखबर है ये इश्क वाले
पर मेरी बात कुछ और है
बड़े बेवफा है ये हुस्न वाले
मिट गया जिस पे ये हो गए मेहरबान
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
मिट गया जिस पे ये हो गए मेहरबान
हुस्न वालो की है बस यही दास्ता
कैसे कैसे न जाने दीवाने दिल
इन्ही बेवफाओ ने तोड़ डाले
बड़े बेवफा है ये हुस्न वाले
तू कही जानेमन रूठ जाना नही
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
तू कही जानेमन रूठ जाना नही
ज़िक्र तेरा ये तेरा फ़साना नही
भोली भाली है इनकी सूरत मगर
बड़े संगदिल है यह भोले भाले
बड़े बेवफा है ये हुस्न वाले
पर तेरी बात कुछ और है
बड़े बेवफा है ये हुस्न वाले
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Bade bewafa hain ye husn waale-Roop tera mastana १९७२
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