Dec 1, 2011

अकेले हैं चले आओ जहाँ हो(लता)-राज़ १९६७

हिंदी सिनेमा ने एक से बढ़ कर एक खूबसूरत चेहरे देखे
और दिखाए जनता को. इन्हीं में से एक हैं बबीता. मोहक
मुस्कान की स्वामिनी बबीता को हमने रुदन क्रंदन वाले
दृश्यों में कम देखा है.

आज सुनते हैं फिल्म राज़ से ये लोकप्रिय गीत जिसे लिखा
है शमीम जयपुरी ने. कल्याणजी आनंदजी की ट्यून पर
लता मंगेशकर ने इसे गाया है.

गीत में तलाश जारी है नायक की.



गीत के बोल:

चले आओ चले आओ चले आओ
अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
कहाँ आवाज़ दें तुमको कहाँ हो
अकेले हैं चले आओ जहाँ हो

ये मौसम और ये नज़ारे ये चाँद और ये सितारे
ये मौसम और ये नज़ारे ये चाँद और ये सितारे
सभी हैं आज लेकिन नहीं मेरे सहारे

अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
कहाँ आवाज़ दें तुमको कहाँ हो
अकेले हैं

मेरी आँखों में आंसू मेरे लब पे हैं आहें
मेरी आँखों में आंसू मेरे लब पे हैं आहें
तुम्हीं को ढूंढती हैं मेरी वीरान निगाहें

अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
कहाँ आवाज़ दें तुमको कहाँ हो
अकेले हैं

तरसती हूँ मैं जिनको वो दिन आ के रहेंगे
तरसती हूँ मैं जिनको वो दिन आ के रहेंगे
मुझे उम्मीद है ये तुम्हें पा कर रहेंगे

अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
कहाँ आवाज़ दें तुमको कहाँ हो
अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
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Akele hain chale aao(Lata)-Raaz 1967

Artist: Babita

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