Nov 30, 2011

दिल संभाले संभलता नहीं-राज़ १९६७

रोमांस और प्रेम खास अवयय हैं फ़िल्मी कथानक के.
मालूम नहीं आर्ट फिल्म वालों के ये बात क्यूँ नहीं
समझ आती कि आर्ट प्रेमौर रोमांस में भी हो सकता
है. आर्ट फिल्मों के नायक को दांत घिसते हुए तो
दिखा लेंगे मगर पप्पी झप्पी से परहेज. गुड़ खाओ और
गुलगुले से परहेज?

सुनते हैं फिल्म राज़ से एक मधुर युगल गीत जिसे
खेत और हरियल के बीच फिल्माया गया है. एक
बार फिर से गुलाबी लिपस्टिक ने कहर मचाया है.

राजेश खन्ना और बबीता पर फिल्माए गए इस गीत
के रचयिता हैं गुलशन बावरा और मोहक धुन तैयार
करने वाले हैं कल्याणजी आनंदजी. 

नायक और नायिका दोनों के परिधान सफ़ेद रंग के
हैं. सफ़ेद रंग शुद्धता, सफाई और सादगी का प्रतीक है.
रंग जो हैं वो केवल नायिका के स्वेटर और आसपास
के वातावरण में हैं. 



गीत के बोल:

दिल संभाले संभलता नहीं आज तो
दिल संभाले संभलता नहीं आज तो
पास आने की दे दो इजाज़त हमें
पास आने की दे दो इजाज़त हमें

देखिए ये हसीं शाम ढलने को है
देखिए ये हसीं शाम ढलने को है
अब तो जाने की दे दो इजाज़त हमें
अब तो जाने की दे दो इजाज़त हमें
देखिए ये हसीं शाम ढलने को है

कैसे कह दें के जाओ इन आँखों से अब
तुमको जाते हुए देखा जाता नहीं
कैसे कह दें के जाओ इन आँखों से अब
तुमको जाते हुए देखा जाता नहीं
हम भी मजबूर हैं वरना जाने का तो
ये ख़्याल अपने दिल में भी आता नहीं
ये ख़्याल अपने दिल में भी आता नहीं

झील सी अपनी आँखों में पहले ज़रा
झील सी अपनी आँखों में पहले ज़रा
डूब जाने की दे दो इजाज़त हमें
अब तो जाने की दे दो इजाज़त हमें
देखिए ये हसीं शाम ढलने को है

डाल दी तुमने आँखों में आँखें अगर
जाने फिर कब सनम आयें हम होश में
डाल दी तुमने आँखों में आँखें अगर
जाने फिर कब सनम आयें हम होश में

ज़िन्दगी भर हमें साथ रहना है अब
हम रहेंगे मोहब्बत के आग़ोश में
हम रहेंगे मोहब्बत के आग़ोश में

क्या बताएँ हमें डर ज़माने का है
क्या बताएँ हमें डर ज़माने का है
इस ज़माने की ले दो इजाज़त हमें
पास आने की दे दो इजाज़त हमें
देखिए ये हसीं शाम ढलने को है
………………………………………………..
Dil sambhaale sambhalta nahin-Raaz 1967

Artists: Rajesh Khanna, Babita

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