Jan 7, 2015

इन आँखों को तुम्हें अपना-दाल में काला १९६४



राजा मेहँदी अली खान अधिकतर मदन मोहन के साथ काम
करने के लिए जाने जाते हैं. जैसे राजेंद्र कृष्ण सी रामचंद्र के साथ
काम करने के लिए ज्यादा पहचाने गए. आज आपको राजा मेहँदी
अली खान और सी रामचंद्र के कोम्बिनेशन वाला गीत सुनवा रहे हैं.
ये है सन १९६४ की फिल्म-दाल में काला. आपको लगातार कुछ बंगाली
निर्देशकों की फिल्मों से गीत सुनवा रहे हैं . धरती कहे पुकार के-
दुलाल गुहा निर्देशित फिल्म थी. दाल में कालाफिल्म का निर्देशन
सत्येन बोस ने किया है. फिल्म में बहुत से गीतकारों की सेवाएं ली
गयीं, जिनपर आगे चर्चा की जायेगी.  गीत कर्णप्रिय है और आशा
भोंसले के गाये शानदार गीतों में इसको स्थान क्यूँ नहीं मिलता
समझ के बाहर है ? गौरतलब है आपने अक्सर किशोर को उछल
कूद या हास्य वाले अन्दाज में देखा होगा परदे पर और निम्मी को
दुखी या गंभीर किस्म के भावों में. यहाँ एकदम उलट है और नायिका 
छेड़ती हुई नाव में बैठ के नायक के मजे ले रही है.




गीत के बोल:



इन आँखों को तुम्हें अपना बनाने की तमन्ना है
मुहब्बत के दिए दिल में जलाने की तमन्ना है

इन आँखों को

हजारों बिजलियाँ हँसती हैं ज़ालिम तेरी आँखों में
हजारों बिजलियाँ हँसती हैं ज़ालिम तेरी आँखों में
मुझे ये बिजलियाँ दिल पे गिराने की तमन्ना है

इन आँखों को तुम्हें अपना बनाने की तमन्ना है
इन आँखों को

चमन में बुलबुलों ने आ के छेड़े प्यार के नगमे
चमन में बुलबुलों ने आ के छेड़े प्यार के नगमे
मुझे भी हाल-ऐ-दिल तुमको सुनाने की तमन्ना है


इन आँखों को तुम्हें अपना बनाने की तमन्ना है
इन आँखों को

मेरी आँखों में हंस कर देख ये आंसू खुशी के हैं
मेरी आँखों में हंस कर देख ये आंसू खुशी के हैं 
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In ankhon ko tumhen-Daal mein kaala 1964

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