जागो हे महाकाल-जगदगुरु शंकराचार्य १९५५
भक्ति गीत सुने हुए। प्रस्तुत गीत है फिल्म जगदगुरु शंकराचार्य से
जो सन १९५५ की फिल्म है। फिल्म के गीत भरत व्यास के लिखे
हुए हैं और संगीत है अविनाश व्यास का। गीत गाया है रफ़ी ने जिनकी
आवाज़ में बहुत से लोकप्रिय फ़िल्मी भजन उपलब्ध हैं।
कुदरती तौर पर रफ़ी की आवाज़ में भजन अच्छे लगते हैं। ये भी एक
कम सुना हुआ लेकिन कर्णप्रिय धुन वाला भजन है।
भगवान आशुतोष दयालु हैं, औघड़दानी हैं, भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न
हो जाते हैं. ओम नमः शिवाय
गीत के बोल:
जागो हे महाकाल, जागो जीवन आधार,
भस्म करो पापी के पाप को,
धरती पुकारे प्रभु आपको ।
भस्म करो पापी के पाप को,
धरती पुकारे प्रभु आपको ।
तुम को जगा रहा नीला गगन ।
तुम को जगाये प्रभु पूरा पवन ॥
तांडव पे नृत्य करो, डमरू पे ताल दो ।
तीसरे नयन की आज ज्वाला निकाल दो ॥
फूंक दो यह कष्टों की कालिमा ।
भर दो कानो में नई लालिमा ॥
भस्म करो पापी के पाप को,
धरती पुकारे प्रभु आपको ।
Jaago he Mahakal-Jagadguru Shankaracharya 1955
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