यार बिना चैन कहाँ रे-साहेब १९८५
जिसके पास चैन नहीं वो बेचैन . जिसके पास कार नहीं वो बेकार .
चैन ज़रूरी है जीवन में. बिना उसके सब बेकार है. आज आपको
चैन वाली थीम पर एक गीत सुनवा रहे हैं. गीत फिल्म साहेब से
है जिसे गा रहे हैं बप्पी लहरी और एस जानकी ने.
सन १९९६ में मुंबई में माइकल जैक्सन का कार्यक्रम हुआ था.
माइकल ने विशेष रूप से बप्पी को बुलाया था उस कार्यक्रम में.
माइकल को बप्पी के दो चीज़ें पसंद आयीं. एक तो डिस्को डांसर
का गाना-जिमी जिमी और दूसरी बप्पी के गले में पड़ी चेन. अब
आप समझ ही गए होंगे चेन सबको पसंद है. बप्पी लहरी की वो
चेन उनके लगभग सभी प्रशंसकों को पसंद है. सोना पहनना उनका
शौक है
साहेब १९८५ की फिल्म है जिसमें अनिल कपूर एक बेरोजगार मगर
फ़ुटबाल प्रेमी की भूमिका में हैं. उनके सामने वाले मकान में एक
खूबसूरत लड़की रहने आई है, वे उससे प्रेम करने लगते हैं. एक
अजीब थ्योरी के अनुसार बेरोजगारों को सबसे ज्यादा प्रेमरोग नामक
बीमारी होती है. ऐसा शायद इसलिए है कि करने के लिए कुछ और
होता नहीं है, प्रेम ही करो.
गीत लिखा है अनजान ने और धुन बप्पी लहरी ने बनाई है. ये गीत
अपने समय का हिट गीत माना जाता है.
गीत के बोल:
यार बिना चैन कहाँ रे
सोना नहीं चाँदी नहीं यार तो मिला
अरे प्यार कर ले
कोई नया सपना निगाहों में तो है
कोई नया साथी नयी राहों में तो है
दिल जो मिलेंगे तकदीर बनेगी
जिंदगी की नयी तस्वीर बनेगी
प्यार में ये दिल बेक़रार कर ले
यार बिना चैन कहाँ रे
सोना नहीं चाँदी नहीं यार तो मिला
अरे प्यार कर ले
यार हमें पैसा नहीं प्यार चाहिए
कोई मनचाहा दिलदार चाहिए
हीरे मोतियों से जहाँ दिल ना तुले
सपनों का ऐसा संसार चाहिए
ये भी होगा थोड़ा इंतज़ार कर ले
यार बिना चैन कहाँ रे
सोना नहीं चाँदी नहीं यार तो मिला
अरे प्यार कर ले
अरे प्यार कर ले
.............................
Yaar Bina Chain Kahan Re-Saheb 1985
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