Aug 1, 2015

तेरी दुनिया में आ कर के भी-आधी रोटी १९५७

आज सुनते हैं सन ५७ की फिल्म आधी रोटी से अगला
गीत. यह एक युगल गीत है रफ़ी और गीता दत्त की
आवाजों में. इसके रचनाकार हैं भरत व्यास और इस गीत
को स्वरबद्ध किया है अविनाश व्यास ने. कवियों के पास
शब्दों की कोई कमी नहीं होती. इस गीत के शब्द थोड़े
अलग हैं और ऐसा लगता है मानो कोई गद्य को पद्य की
तरह गाया जा रहा हो. कुछ कुछ आधुनिक कविता सरीखा
है मगर शब्दों की जमावट गीत के पैरामीटर और मीटर
के बीच ही है. धुन अच्छी है और आपको अविनाश व्यास
का संगीत अधिकतर थोडा सोफ्ट किस्म का ही मिलेगा.
यह गीत भी ईश्वर से शिकायत वाला गीत है और इसमें
उसके दूसरे समर्थ बन्दों से मदद की गुहार की जा रही है.




गीत के बोल:
    
तेरी दुनिया में आ कर के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे, खुदा के तुम बंदे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो
एक रोटी का टुकड़ा
एक रोटी का टुकड़ा

तेरी दुनिया में आ कर के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे, खुदा के तुम बंदे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो
एक रोटी का टुकड़ा
एक रोटी का टुकड़ा


अपने हाथ से गढा रे खिलौना
फिर क्यूँ पालना भूल गए
अपने हाथ से गढा रे खिलौना
फिर क्यूँ पालना भूल गए
आँखें बना कर इस तरह से
ज्योत डालना भूल गए
भूल गए

तेरी दुनिया में आ कर के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे, खुदा के तुम बंदे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो
एक रोटी का टुकड़ा
एक रोटी का टुकड़ा


लोग कहें अन्धों के आगे
हर दम यहाँ अँधेरा है
लोग कहें अन्धों के आगे
हर दम यहाँ अँधेरा है
पर इस अँधेरे ने भी देखो
हमसे मुखडा फेरा है
क्या जाने वो शाम के जिसने
देखा नहीं सवेरा है
क्या जाने वो शाम के जिसने
देखा नहीं सवेरा है
नहीं रौशनी देखी तो फिर
किसको कहे अँधेरा है
अँधेरा है

तेरी दुनिया में आ कर के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे, खुदा के तुम बंदे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो
एक रोटी का टुकड़ा
एक रोटी का टुकड़ा

तेरी दुनिया में आ कर के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे, खुदा के तुम बंदे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो
एक रोटी का टुकड़ा
एक रोटी का टुकड़ा
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Teri duniya mein aa kar ke-Aadhi Roti 1957

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