Aug 6, 2015

इशारों इशारों में दिल लेने वाले - कश्मीर की कली १९६४

आज नो-बकवास सिरीज़ के तहत आपको बिना विवरण के
एक हिट गीत सुनवा रहे हैं. उम्मीद है आपको पसंद आएगा.
परिवर्तन संसार का नियम है. उसी नियम को थोडा बहुत
हम भी अमल में ले आते हैं. ये शायद समय की मांग भी
है.

फिल्म: कश्मीर की कली
वर्ष:१९६४
गीतकार: एस एच बिहारी
संगीतकार: ओ पी नैय्यर
गायक कलाकार: रफ़ी, आशा भोंसले
परदे पर कलाकार: शर्मिला टैगोर, शम्मी कपूर




गीत के बोल:

इशारों इशारों में दिल लेने वाले
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से
निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से

मेरे दिल को तुम भा गए
मेरी क्या थी इस में खता
मुझसे जिसने तड़पा दिया
यही थी वो ज़ालिम अदा
ये राँझा की बातें, ये मजनू के किस्से
अलग तो नहीं हैं मेरी दास्तां से
इशारों इशारों में दिल लेने वाले
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से

मुहब्बत जो करते हैं वो
मुहब्बत जताते नहीं
धड़कने अपने दिल की कभी
किसी को सुनाते नहीं
मज़ा क्या रहा जब की खुद कर दिया हो
मुहब्बत का इज़हार अपनी ज़ुबां से
निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से

माना के जाने जहां
लाखों में तुम एक हो
हमारी निगाहों की भी
कुछ तो मगर दाद दो
बहारों को भी नाज़ जिस फूल पर था
वही फूल हमने चुना गुलसितां से

इशारों इशारों में दिल लेने वाले
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से
निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
……………………………………………………
Isharon isharon mein dil lene waale-Kashmir ki kali 1964

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP