का करूँ सजनी-स्वामी १९७७
गीत किशोर का गाया आप सुन चुके हैं इधर, आज सुनवाते हैं
येसुदास का गाया एक क्लासिकल गीत जिसे परदे पर धीरज
कुमार गा रहे हैं. शबाना अजमी और गिरीश कर्नाड भी दिखाई
देते हैं गीत में. घर में महफ़िल जमी है और ये गीत गाया जा
रहा है. पिछले गीत में संगीतकार राजेस्ज रोशन थे, इस गीत
के भी वही हैं, बस गीतकार बदल गए हैं. अमित खन्ना ने इस
गीत को लिखा है. अमित खन्ना के लिखे फिल्म देस परदेस के
गीतों से आप वाकिफ होंगे ही.
आये न बालम-एक प्रसिद्ध ठुमरी है जिसे बड़े गुलाम अली ने गा
के अमर बना दिया. गीत का मुखडा ठुमरी के मुखड़े से मिलता
जुलता है.
गीत के बोल:
का करूँ सजनी आए न बालम
खोज रही हैं पिया परदेसी अँखियाँ
आए न बालम
जब भी कोई, आहट होए, मनवा मोरा भागे
देखो कहीं, टूटे नहीं, प्रेम के ये धागे
है मतवारी प्रीत हमारी,
छुपे न छुपाए, छुपे न छुपाए
सावन हो तुम, मैं हूँ तोरी बदरिया
आये न बालम
का करूँ सजनी आए न बालम
भोर भई और, साँझ ढली रे, समय ने ली अंगड़ाई
ये जग सारा, नींद से हारा, मोहे नींद न आई
मैं घबराऊँ, डर डर जाऊँ,
आए वो न आए, आए वो न आए
राधा बुलाए कहाँ खोए हो कन्हैय्या
आए न बालम
का करूँ सजनी आए न बालम
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Aaye na balam-Swami 1977
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