दरिया का किनारा आय हाय-बैंक मेनेजर १९५९
फिल्मों का सवाल है. इस गीत को सुन कर देख कर तो
कम से कम ऐसा ही प्रतीत हो रहा है. ये गीत है फिल्म
बैंक मेनेजर से. इस फिल्म से आप पूर्व में दो लोकप्रिय
गीत सुन चुके हैं. ये गीत थोडा कम सुना हुआ है मगर
मधुर है. जलाल मलीहाबादी साहब ने इसके बोल लिखे हैं
और संगीत है मदन मोहन का.
ये गाना मीनू मुमताज़ और शेखर पर फिल्माया गया है.
फिल्म का मैनजर किसी राष्ट्रीयकृत बैंक का है या निजी
बैंक का, मुझे मालूम नहीं चल पाया है अभी तक, थोड़ी
मदद करें और जानकारी दें.
गीत के बोल:
दरिया का किनारा आये हाय
बाहों का सहारा हाय हाय
ऐसे में न छेड़ो बलम
लुट जायेंगे हम
हाय, दरिया का किनारा आये हाय
दिल के पास चले भी आओ
अब न हमें तड़पाओ
ये दिल है तुम्हारा ए हाय
बाहों का सहारा हाय हाय
ऐसे में न छेड़ो बलम
लुट जायेंगे हम
हाय, दरिया का किनारा आये हाय
आँखें मिली तो झूमा मौसम
दिल ने ली अंगडाई
नींद न आये धडके दिल
कैसी ये आग लगाई
एक तीर है मारा आये हाय
बाहों का सहारा हाय हाय
ऐसे में न छेड़ो बलम
लुट जायेंगे हम
हाय, दरिया का किनारा आये हाय
ऐसी नज़र से हम को न देखो
रह रह के प्यार आये
कितना है प्यारा हाय हाय
बाहों का सहारा आये हाय
ऐसे में न छेड़ो बालम
लुट जायेंगे हम
दरिया का किनारा आये हाय
बाहों का सहारा हाय हाय
ऐसे में न छेड़ो बलम
लुट जायेंगे हम
हाय, दरिया का किनारा आये हाय
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Dariya ka kinara aaye haye-Bank manager 1959
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