हम थे जिनके सहारे-सफ़र १९७०
पड़ता है. मिथुन अभिनीत एक्शन फ़िल्में देखते देखते सरसरी
निगाह से फिल्म देखने की आदत पड गई, इसके चलते एक
बार सिनेमा हाल में फिल्म सफर देखने का सौभाग्य मिला, उसे
भी हमने चाय पीते, समोसे खाते, पोपकोर्न चबाते हुए देखा.
फलस्वरूप फिल्म की कहानी हमारी समझ के बाहर हो गयी.
फिल्म में नायक परेशां क्यूँ है, समझने के लिए इसे दोबारा
वी सी आर नमक उपकरण की मदद लेना पड़ी. ये ८० के दशक
के पूर्वार्ध की बात है.
फिल्म से आज आपको टॉप क्लास गीत सुनवाते हैं लता मंगेशकर
का गाया हुआ. फिल्म की नायिका हैं शर्मिला टैगोर. फिल्म का
निर्माण किया था मुशीर आलम और मोहम्मद रियाज़ ने. इसके
निर्देशक थे असित सेन.
गीत के बोल:
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे
डूबी जब दिल की नैय्या, सामने थे किनारे
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे
डूबी जब दिल की नैय्या, सामने थे किनारे
हम थे जिनके सहारे
क्या मुहब्बत के वादे, क्या वफ़ा के इरादे
रेत की है दीवारें, जो भी चाहे गिरा दे
जो भी चाहे गिरा दे
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे
है सभी कुछ जहां में, दोस्ती है वफ़ा है
अपनी ये कम नसीबी, हमको ना कुछ भी मिला है
हमको ना कुछ भी मिला है
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे
यूँ तो दुनिया बसेगी, तन्हाई फिर भी डसेगी
जो ज़िन्दगी में कमी थी, वो कमी तो रहेगी
वो कमी तो रहेगी
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे
डूबी जब दिल की नैय्या, सामने थे किनारे
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे
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Hum the jinke sahare-Safar 1970
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