तू ही रे-बॉम्बे १९९५
‘gem’ बोला करता. उसके बार बार ये बोलने पर हमें खाने
वाला “जैम” दिखाई देने लगता. एक दिन आखिर को हमने
पूछ ही लिया. तुम्हारे स्टॉक में खाली जैम ही है, अचार,
चटनी और मुरब्बा नहीं है ?
आपको आज रीयल जैम खिलवाते .... अर रा सुनवाते हैं .
ये है फिल्म बॉम्बे का गीत. इसे फिल्माया गया है दक्षिण
के नायक अरविन्द स्वामी और उत्तर की मनीषा कोइराला
पर. विरह के भावों से शुरू होता ये गीत मिलन पर समाप्त
होता है. महबूब कोतवाल के लिखे गीत की तर्ज़ बनाई है
रहमान ने. इसे गाया है चित्रा और हरिहरन ने.
गीत के बोल:
तू ही रे, तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जियूं
आ जा रे आ जा रे यूँ ही तड़पा न तू मुझको
जान रे जान रे इन साँसों में बस जा तू
चाँद रे चाँद रे आ जा दिल की ज़मीन पे तू
चाहत है अगर आ के मुहसे मिल जा तू
या फिर ऐसा कर धरती से मिला दे मुझको
तू ही रे, तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जियूं
आ जा रे आ जा रे यूँ ही तड़पा न तू मुझको
इन साँसों का देखो तुम पागलपन के
आये नहीं इन्हें चैन
मुझसे ये बोलती मैं राहों में तेरी
अपने बिछा दूं ये नैन
इन ऊंचे पहाड़ों से जान दे दूंगा मैं
गर तुम ना आई कहीं
तुम उधर जान उम्मीद मेरी जो तोड़ो
इधर ये जहाँ छोड़ दूं मैं
मौत और जिंदगी तेरे हाथ में दे दिया रे
आई रे आई रे ले मैं आई हूँ तेरे लिए
तोड़ा रे तोड़ा रे हर बंधन को प्यार के लिए
जान रे जान रे आ जा तुझमें समां जाऊं मैं
दिल रे दिल रे तेरी साँसों में बस जाऊं मैं
चाहत है अगर आ के मुझसे मिल जा तू
या फिर ऐसा कर धरती से मिला दे मुझको
तू ही रे, तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जियूं
आ जा रे आ जा रे यूँ ही तड़पा न तू मुझको
आ आ
सौ बार बुलाए मैं सौ बार आऊँ
एक बार जो दिल दिया
एक आँख रोये तो दूजी बोलो
सोयेगी कैसे भला
इन प्यार की राहों में पत्थर हैं कितने
उन सब को ही पार किया
एक नदी हूँ मैं चाहत भरी
आज मिलने सागर को आई यहाँ
सजना सजना आज आंसू भी मीठे लगे
तू ही रे, तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जियूं
आ जा रे आ जा रे यूँही तड़पा न तू मुझको
जान रे जान रे इन साँसों में बस जा तू
चाँद रे चाँद रे आ जा दिल की ज़मीन पे तू
पल पल पल पल वक्त तो बीता जाए रे
ज़रा बोल ज़रा बोल वक्त से के वो थम जाए रे
आई रे आई रे ले मैं आई हूँ तेरे लिए
जान रे जान रे आ जा तुझमें समां जाऊं मैं
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Tu hi re-Bombay 1995
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