रूप की वो टकसाल कहाँ है-डॉक्टर एक्स १९७१
पिछले ४२ साल में. एक बात जो मैंने महसूस की किशोर
के बारे में, उनके कई गानों का एनर्जी लेवल दूसरे गायकों
के गानों के एनर्जी लेवल से बहुत ऊपर होता. ये बात उन्हें
दूसरे गायकों से बिलकुल जुदा बना देती. टोनल क्वालिटी
तो ज़बरदस्त थी किशोर की जो दूसरे गायकों के लिए
इर्ष्या का विषय होती मगर शायद ही किसी गायक ने ये
बात खुले दिल से स्वीकारी हो कभी.
सोनिक ओमी ने मदन मोहन के साथ काम कर के काफी
बारीकियां सीखी और उनके कई गीतों में अतिरिक्त माधुर्य
जो आया है वो उनके अच्छे अभ्यास की वजह से आया.
उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले बड़ी फिल्मों के उन निर्देशक
के साथ काम करने के जो संगीतकार से पूरा पसीना बहा
दिया करते हैं और मक्खन निचोड़ लेते हैं. तब बनता है
एक हॉट एल्बम. उन्होंने अपनी पदार्पण फिल्म के लिए
एक से बढ़ कर एक धुनें बनायीं थीं-दिल ने फिर याद किया.
इसका एक एक गीत लाजवाब है. वो मेहनत सोनिक ओमी
महुआ, सावन भादो और कुछ ३-४ और फिल्मों में ही कर
पाए. किसी फिल्म के सभी गीत हिट हों ऐसे मौके उनके
संगीत कैरियर में कम आये, या वे लाये नहीं !
आज सुनिए टॉप क्लास रोमांटिक गीत किशोर की आवाज़
में जिसे लिखा है इन्दीवर ने और इसे फिल्माया गया है
सोम दत्त और फरीदा जलाल पर. ये उन गिनी चुनी फिल्मों
में से है जिसमें फरीदा जलाल नायिका थीं. एक ऐसा गीत
जो शायद किसी भी टॉप की अभिनेत्री पर भी फबता. किसी
ए ग्रेड की टॉप फिल्म में गर ये होता तो इसकी शान में
संगीत समीक्षक जनता ने कसीदे काढ काढ के पन्ने छाप
दिए होते. गीत इन्दीवर के दो दौरों-‘चन्दन सा बदन’ और
‘झोपडी में चारपाई’ के बीच के सेतु का एक हिस्सा है. गीत
में मर्यादित भाषा में तारीफ़ की गयी है और शायद इसमें
प्रयुक्त “रूप की टकसाल” उपमा वाला ये एकमात्र गीत है
हिंदी फिल्म संगीत के खजाने में. ७० के दशक के माहौल के
अनुसार बोल हैं और संगीत है.
मिस्फायरिंग और मिसमैच करना भी एक कला है. डीज़ल के
इंजिन में पेट्रोल डाल के चलाने की कोशिश. प्रारब्ध क्या क्या
करवा देता है. हूर के साथ लंगूर चिपकवा देता है तो कभी गधे
को गुलाब जामुन खाने को मिल जाते हैं. मुझे फिल्म कुदरत
का ये गीत हमेशा प्रासंगिक लगता है-सुख दुःख की हर एक
माला कुदरत ही पिरोती है.
गीत के बोल:
ऐ हे
रूप की वो टकसाल कहाँ है
जहाँ से ढल के आई हो
हे, होंठ हजारों के लाखों की ऑंखें लायी हो
ऐ जी क्या ऑंखें लायी हो
रूप की वो टकसाल कहाँ है
जहाँ से ढल के आई हो
हे, होंठ हजारों के लाखों की ऑंखें लायी हो
ऐ जी क्या ऑंखें लायी हो
हे, रूप की वो डाई कास्टिंग कहाँ है
पलकों में दो हीरे चमके अंग से चांदी बरसे
हो, पलकों में दो हीरे चमकें अंग से चांदी बरसे
तुमसे दो भैंसें करने को सारी दुनिय तरसे
हो, जग भर की सुंदरता सारी जैसे तुम्हीं ने पाई हो
जग भर की सुंदरता सारी जैसे तुम्हीं ने पायी हो
हे, होंठ हजारों के लखों की ऑंखें लायी हो
ऐ जी क्या ऑंखें लोयी हो
हे, रूप की वो टकसाल कहाँ है
शर्त है क्या तुमको पाने की है हर शर्त गवारा
हे, शर्त है क्या तुमको पाने की है हर शर्त गवारा
मिलता हो तो बेच के खुद को ले लूं प्यार तुम्हारा
हो, जैसे गगन फुर सूरज है तुम मेरे मन पे छाई हो
जैसे गगन पर सूरज है तुम मेरे मन पे छाई हो
हे, होंठ हजारों के लाखों की ऑंखें लायी हो
ऐ जी क्या ऑंखें लायी हो
हे, रूप की वो डाई कास्टिंग कहाँ है
जहाँ से ढल के आई हो
हे, होंठ हजारों के लाखों की ऑंखें लायी हो
ऐ जी क्या ऑंखें लायी हो
हे रूप की वो टकसाल कहाँ है
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