दिल तुझे दिया था रखने को-मल्हार १९५१
जाती है. वैसे ये स्थान सारंगी को हासिल है मगर सामान्यतः
संगीत के क्षेत्र में बांसुरी और वाइलिन का प्रयोग ज्यादा होता
है.
कुछ गीत ऐसे बने हैं फिल्म संगीत क्षेत्र में जिनकी कि बिना
बांसुरी के स्वर के कल्पना मुश्किल है, यूँ कहें बांसुरी की जो
आवाज़ है उन गीतों में वह गीत का अभिन्न अंग सुनाई देती
हैं. ऐसा एक गीत है फिल्म मल्हार से मुकेश का गाया हुआ
जो आज आप सुनेंगे और देखेंगे. कैफ इरफानी के बोल हैं और
रोशन का संगीत है.
उजड़े चमन जैसा जो शख्स इस गीत में दिख रहा है उसका
नाम अर्जुन है और वो नायिका शम्मी के लिए दुःख बाहर
निकाल रहा है. पत्ता नई मल्हार फिल्म के गाने याद आते ही
कुछ फिलोसोफी झाड़ने का मन करने लगता है, आज नहीं !
ये संगीत का जादू ही तो है जो दिमाग पर झाड़ू चला देता
है.
गीत के बोल:
दिल तुझे दिया था रखने को
तूने दिल को जला के रख दिया
किस्मत ने दे के प्यार मुझे
मेरा दिल तड़पा के रख दिया
दिल तुझे दिया था रखने को
तूने दिल को जला के रख दिया
किस्मत ने दे के प्यार मुझे
मेरा दिल तड़पा के रख दिया
भँवरे के लबों पर फरियादें
कलियों के लबों पर मुस्कानें
भँवरे के लबों पर फरियादें
कलियों के लबों पर मुस्कानें
भँवरे का कलेजा कलियों में
हाय किसने छुपा के रख दिया
किस्मत ने दे के प्यार मुझे
मेरा दिल तड़पा के रख दिया
दिल तुझे दिया था रखने को
जिस दर्द से दुनिया डरती है
जिस गम से किनारा करती है
जिस दर्द से दुनिया डरती है
जिस गम से किनारा करती है
तेरी नज़र ने मेरे सीने में
वो दर्द छुपा के रख दिया
किस्मत ने दे के प्यार मुझे
मेरा दिल तड़पा के रख दिया
दिल तुझे दिया था रखने को
जब दिल में तुम्हें बसाया था
आशा का दीप जलाया था
जब दिल में तुम्हें बसाया था
आशा का दीप जलाया था
तकदीर के एक ही झोंके ने
वो दीप बुझा के रख दिया
किस्मत ने दे के प्यार मुझे
मेरा दिल तड़पा के रख दिया
दिल तुझे दिया था रखने को
तूने दिल को जला के रख दिया
किस्मत ने दे के प्यार मुझे
मेरा दिल तड़पा के रख दिया
दिल तुझे दिया था रखने को
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Dil tujhe diya tha rakhne ko-Malhar 1951
Artists-Shammi, Arjun
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