मेहमान नज़र की बन जा-पाताल भैरवी १९८५
फिल्म देख के भी ऐसा ही कुछ कुछ संदेह होता है. शुद्ध
मसाला फिल्म है, बस कथानक थोडा-अलग-हट-के है. इस
फिल्म ने ठीक ठाक कारोबार किया ऐसा मेरा अनुमान है.
फिल्म से एक मधुर युगल गीत सुनते हैं जिसे एक ज़माने
में प्योरिटंस शोरगुल वाला संगीत कहते थे. आजकल के
संगीत से इसकी तुलना कीजिये, आपको ये सोबर लगेगा.
फिल्म के नायक-नायिका है जीतेंद्र और जया प्रदा. जीतू
भाई दक्षिण भारतीय फिल्मों में ऐसे रमे कि कई बार वे
वेश भूषा की वजह से दक्षिण के सर्टिफाइड हीरो नज़र आते.
दक्षिण की प्रसिद्ध संस्था पद्मालय स्टूडियोज प्राइवेट लिमिटेड
द्वारा इस फिल्म का निर्माण किया गया था. इसके निर्देशक
थे के. बापैया. इस फिल्म के बारे में और भी चर्चा करेंगे,
पढते रहिये, क्या ? ये ब्लॉग .
गीत के बोल:
मेहमान नज़र की बन जा एक रात के लिए
मैं जनमों से तरसा हूँ तेरे साथ के लिए
मांग लो मुझको सारी हयात के लिए
रुकने वाली नहीं मैं एक रात के लिए
मेहमान नज़र की बन जा एक रात के लिए
मैं जनमों से तरसा हूँ तेरे साथ के लिए
मांग लो मुझको सारी हयात के लिए
रुकने वाली नहीं मैं एक रात के लिए
मेहमान नज़र की बन जा एक रात के लिए
ता ना री री ता ना री री कहो पिया
ता ना री री ता ना री री कहो पिया
तुम आज चाहते हो इतना
कल भी चाहोगे क्या इतना
बोलो तो ओ पिया
ता ना री री ता ना री री सुन प्रिये
ता ना री री ता ना री री सुन प्रिये
जब तक सूरज में है ज्योति
जब तक सागर में हैं मोती
चाहेंगे हम तुझे
मेहमान नज़र की बन जा एक रात के लिए
मैं जनमों से तरसा हूँ तेरे साथ के लिए
मांग लो मुझको सारी हयात के लिए
रुकने वाली नहीं मैं एक रात के लिए
मेहमान नज़र की बन जा एक रात के लिए
मैं जनमों से तरसा हूँ तेरे साथ के लिए
ता ना री री ता ना री री सुन प्रिया
ता ना री री ता ना री री सुन प्रिया
तूने प्यार मेरा स्वीकार किया
मुझ पे ये बड़ा उपकार किया
तेरा दिल से शुक्रिया
ता ना री री ता ना री री सुनो पिया
ता ना री री ता ना री री सुनो पिया
सब एक हैं दिल की निगाहों में
सब एक हैं प्यार की राहों में
क्या छोटा क्या बड़ा
मेहमान नज़र की बन जा एक रात के लिए
मैं जनमों से तरसा हूँ तेरे साथ के लिए
मांग लो मुझको सारी हयात के लिए
रुकने वाली नहीं मैं एक रात के लिए
मेहमान नज़र की बन जा एक रात के लिए
मैं जनमों से तरसी हूँ तेरे साथ के लिए
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Mehman nazar ki ban ja-Paatal Bhairavi 1985
Artists- Jeetendra, Jaya Prada
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