दो हंसों का जोड़ा बिछड गयो-गंगा जमुना १९६१
वर्ष: १९६१
गीतकार: शकील बदायूंनी
संगीत: नौशाद
गायिका: लता मंगेशकर
गीत के बोल:
दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे
गजब भयो रामा जुलम भयो रे
मोरा सुख चैन भी जीवन भी मोरा छिन लिया
पापी संसार ने साजन भी मोरा छिन लिया
पिया बिन तड़पे जिया रतिया बिताऊं कैसे
बिरहा की अगनी को अंसुवन से बुझाऊँ कैसे
जिया मोरा मुश्किल में पड़ गयो रे
गजब भयो रामा जुलम भयो रे
रात की आस गयी दिन का सहारा भी गया
मोरा सूरज भी गया मोरा सितारा भी गया
प्रीत कर के कभी प्रीतम से ना बिछड़े कोई
जैसी उज़डी हूँ मैं ऐसे भी ना उजड़े कोई
बना खेल मोरा बिगड़ गयो रे
गजब भयो रामा जुलम भयो रे
जीते जी छोडूँगी सैयां ना डगरिया तोरी
बीत जाएगी यूँ ही सारी उमरिया मोरी
नैनों से होती रहेगी यूँ ही बरसात बलम
याद में रोती रहूंगी तेरी दिन-रात बलम
नगर मोरे मन का उजड़ गयो रे
गजब भयो रामा जुलम भयो रे
…………………………………………………………..
Do hanson ka joda-Ganga Jamuna 1961
0 comments:
Post a Comment