जूते दे दो पैसे ले लो-हम आपके हैं कौन १९९४
तक कोई प्रामाणिक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है. इसकी एक
वजह ये भी हो सकती है पहले के समय में जूते पहनना एक
महंगा शौक हुआ करता था और कई इसे अफोर्ड नहीं कर पाते
थे. शादी में ये पैसे वसूली का माध्यम होते हैं. दूल्हे के ही
जूते छुपाये जाते हैं. कभी कभी दूल्हे के संगी साथियों के
जूतों के साथ भी यही होता है.
इस प्रक्रिया के ऊपर भी एक गीत है फिल्म हम आपके हैं कौन
में. पहले की शादियों के कार्यक्रम काफी दिन चला करते थे
आजकल ये केवल एक लिफाफा पकडाओ/बफैलो डिनर करो/
चलते बनो वाला किस्सा रह गया है. पंडित भी शॉर्ट कट से
लेकर फुल लेंथ शादियाँ करवाने लगे हैं.
बोल रवींद्र रावल के हैं और संगीत राम लक्ष्मण का.
गीत के बोल:
दूल्हे की सालियों
ओ हरे दुपट्टे वालियों
दूल्हे की सालियों
ओ हरे दुपट्टे वालियों
जूते दे दो पैसे ले लो
दुल्हन के देवर
तुम दिखलाओ ना यूं तेवर
पैसे दे दो जूते ले लो
अजी नोट गिनो जी-जूते लाओ
जिद छोड़ो जी-जूते लाओ
फ्रौड हैं क्या हम-तुम ही जानो
अकडू हो तुम-जो भी मानो
अजी बात बढ़ेगी-बढ़ जाने दो
मांग चढ़ेगी-चढ़ जाने दो
अड़ो ना ऐसे-पहले जूते
जूते लिए हैं नहीं चुराया कोई जेवर
दुल्हन के देवर
तुम दिखलाओ ना यूं तेवर
पैसे दे दो जूते ले लो
कुछ ठंडा पी लो-मूड नहीं है
दही बड़े लो-मूड नहीं है
कुल्फी खा लो-बहुत खा चुके
पान खा लो-बहुत खा चुके
अजी रसमलाई-आपके लिए
इतनी मिठाई-आपके लिए
पहले जूते-खायेंगे क्या
आपकी मर्जी-ना जी तौबा
किसी बेतुके शायर की बेसुरी कव्वालियों
दूल्हे की सालियों
ओ हरे दुपट्टे वालियों
जूते दे दो पैसे ले लो
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Joote de do paise le lo-Hum aapke hain kaun 1994
Artists-Madhuri Dixit, Salman Khan
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