बताओ तुम कौन हो-अनमोल १९९३
है फिल्म अनमोल में. केतन देसाई निर्देशित इस फिल्म में
आपको थोडा अनूठापन मिलेगा.
फिल्म में अनमोल नायिका का नाम है. उसके लिए कठिन
परिस्थितियां हैं जीवन गुजारने की. सौतेली माँ नामक एक
किरदार है फिल्म में जो परेशानियां खड़ी करने का सूत्रधार
है उसके अलावा कई और क्रूर किस्म के किरदार हैं उसके
परिवार में. कहानी सिंड्रेला की कहानी से प्रेरित है.
आज जो गीत आपको सुनवा रहे हैं ये एक युगल गीत है
लता मंगेशकर और उदित नारायण की आवाजों में जिसको
लिखा है रवींद्र रावल ने और जिसकी धुन राम लक्ष्मण ने
बनाई है.
गाने के अंतरों की धुन जब जब फूल खिले के गीत-ये समा
समा है ये प्यार का से मिलती है उसके पीछे एक कहानी
है जो आगे हम आपको बतलायेंगे.
ऐ अनरोमांटिक जिंदगी के खडूस हीरो हीरोइनों, इस गीत
को देखो और अपनी जिंदगी में थोडी रूमानियत भरो. एक
बड़े से जैकेट में दो लोग कैसे समां सकते हैं इसका नमूना
देखो.
गीत के बोल:
बताओ तुम कौन हो ख्यालों पे जो छा गये
अभी तो मैंने ठीक से तुम्हें ना पहचाना
बताओ तुम कौन हो ख्यालों पे जो छा गये
अभी तो मैंने ठीक से तुम्हें ना पहचाना
तुम्हारा मैं ख्वाब हूँ तुम्हारा अरमान हूँ
तुम्हारी धडकन हूँ मैं ये तुमने ना जाना
कर लें भरोसा कैसे इस बात पे हम
होने दो रफ़्ता रफ़्ता ये दूरियां कम
गर फैसला दिल कर ले समझो सही है
जो ना लगे बेगाना अपना वही है
ऐ, नज़र से नज़र को तुम ये क्या समझा गए
अभी तो मैंने ठीक से तुम्हें ना पहचाना
तुम्हारा मैं ख्वाब हूँ तुम्हारा अरमान हूँ
तुम्हारी धडकन हूँ मैं ये तुमने ना जाना
तुम साथ चलते हो तो लगता है ऐसे
बहती समय की धारा थम गई हो जैसे
मिले रोज ऐसी सजा दुआ हम करेंगे
तुमसे इसी बहाने गले हम मिलेंगे
ऐ, बाहों का मुझे हार तुम गले में पहना गए
अभी तो मैंने ठीक से तुम्हें ना पहचाना
तुम्हारा मैं ख्वाब हूँ, आ आ तुम्हारा अरमान हूँ, ओ ओ
तुम्हारी धडकन हूँ मैं आ आ ये तुमने ना जाना
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Batao tum kah ho-Anmol 1993
Artists: Manisha Koirala, Rishi Kapoor
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