होनी तो हो के-सूरज और चंदा १९७३
हैं फिल्म सूरज और चंदा से. इंसान के मन में डर और भय के
भाव आ जाते हैं कई बार बिना कारण के भी.
सच्चाई की राह कठिन है दोस्तों, इस पर चलने वालों की कड़ी
से कड़ी परीक्षा हो जाती है. परीक्षा भी ईश्वर उन्हीं की लेता है
जिनमें कठिनाइयों को झेलने की क्षमता हो. ये क्षमता भी वही
देता है.
आनंद बक्षी का लिखा ये गीत एक समय काफी बजा करता था
और लगभग याद सा हो गया था मगर समय के थपेडों और
जानकारियों के ओवरफ्लो ने इसे कुछ कुछ भुला दिया था.
आज किसी कारण विशेष से ये याद आया तो सोचा आपको
भी सुनवाया जाए.
गीत के बोल:
होनी तो हो के रहे
होनी तो हो के रहे अनहोनी ना होए
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
होनी तो हो के रहे
होनी तो हो के रहे अनहोनी ना होए
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
कंस ने कितने जातां किये रे भैया
कंस ने कितने जातां किये लेकिन तुमने देखा
सौ तलवारें मिटा सकी ना भाग्य की एक भी रेखा
सौ तलवारें
कृष्ण का ऐसा जनम हुआ अत्याचार यूँ खतम हुआ
बंदीघर के द्वार खुले और पहरेदार सोये
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
छूट गयी जिनसे रे भैया
छूट गयी जिनसे अपने बचपन की सुन्दर गलियां
बगिया के बदले बन में देखि खिलती वो कलियाँ
बगिया के बदले
खेल है जोग संजोग का सच कहना है लोगों का
रीत अटल ये जीवन की कोई हँसे कोई रोये
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
हाथ समय का इस दुनिया में
हाथ समय का इस दुनिया में कोई रोक ना पाया
धोखा देने वाले ने एक दिन खुद धोखा खाया
धोखा देने वाले
आज मिले या चाहे कल मिलता है कर्मों का फल
फूल वो कैसे पायेगा जिसने हो कांटे बोये
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
जाको राखे साईयां मार सके ना कोए
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Honi to ho ke rahe-Suraj aur Chanda 1973
Artist: Sanjeev Kumar
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