Jul 28, 2016

जवानियाँ ये मस्त मस्त-तुमसा नहीं देखा १९५७

मस्त-मस्त शब्द ९० के दशक की एक फिल्म के गीत में
सुनाई दिए  और बड़े चर्चित हुए. इस शब्द का सफल प्रयोग
काफी  पहले हो चुका है एक गीत में. ये श्वेत श्याम के युग
की बात है.

प्रस्तुत है फिल्म तुमसा नहीं देखा से एक मधुर गीत . ये
शायद अपने ज़माने का टपोरी गीत था. आज के हिसाब से
ये अति-सोबर किस्म का है. तुमसा नहीं देखा के गीत जनता
ने बेहद पसंद किये. इनमें आम जनता और खास जनता
दोनों शामिल है. आज इस गीत को टॉप क्लास रोमांटिक
गीत माना जाता है.

शम्मी कपूर और अमीता अभिनीत फिल्म तुमसा नहीं देखा
१९५७ में आई. फिल्मिस्तान नामक प्रसिद्ध संस्था ने इसका
निर्माण किया था. शशधर मुखर्जी इस संस्था के मालिक थे.

कहा जाता है ये फिल्म पहले देव आनंद को ऑफर की गयी
थी. उनके ना कहने के बाद शम्मी को फिल्म में लिया गया
जो उस वक्त तक संघर्षरत कलाकार थे. इस फिल्म ने उनको
रातों रात चमकता सितारा बना दिया. फिल्म से अमीता को
कुछ खास फायदा ना हुआ.



गीत के बोल:

जवानियाँ ये मस्त मस्त बिन पिये
जलाती चल रही है राह में दिये
न जाने इनमें किसके वास्ते हूँ मैं
न जाने इनमें कौन हैं मेरे लिये
मेरे लिये मेरे लिये
मेरे लिये मेरे लिये

जवानियाँ ये मस्त मस्त बिन पिये
जलाती चल रही है राह में दिये
न जाने इनमें किसके वास्ते हूँ मैं
न जाने इनमें कौन हैं मेरे लिये
मेरे लिये मेरे लिये
मेरे लिये मेरे लिये


सभी हंसीं सभी जवां
कहाँ पे दिल को हारिये
सभी हैं दिल के मेहमां
किसे किसे पुकारिये
किसे किसे पुकारिये

जवानियाँ ये मस्त मस्त बिन पिये
जलाती चल रही है राह में दिये
न जाने इनमें किसके वास्ते हूँ मैं
न जाने इनमें कौन हैं मेरे लिये
मेरे लिये मेरे लिये
मेरे लिये मेरे लिये

दीवाने हम थे चाह के
तो बेक़रार हो लिये
के दूर की निगाह के
गुनहगार हो लिये
गुनहगार हो लिये

जवानियाँ ये मस्त मस्त बिन पिये
जलाती चल रही है राह में दिये
न जाने इनमें किसके वास्ते हूँ मैं
न जाने इनमें कौन हैं मेरे लिये
मेरे लिये मेरे लिये
मेरे लिये मेरे लिये
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Jawaniyan ye mast mast-Tumsa nahin dekha 1957

Artists: Shammi Kapoor, Ameeta

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