बाबू समझो इशारे-चलती का नाम गाड़ी १९५८
दूर करते हैं. ऐसा एक गीत सुनते हैं सन १९५८ की एक चर्चित
फिल्म चलती का नाम गाड़ी से.
गीत कि विशेषता इसमें तीनों भाइयों की मौजूदगी है-अशोक,
अनूप और किशोर कुमार. गायक कलाकार हालाँकि इसमें दो
ही हैं-किशोर कुमार और मन्ना डे. गीत में प्रयुक्त होने वाली
गाड़ी किशोर कुमार के परिवार की है.
मजरूह सुल्तानपुरी ने गीत लिखा है और इसमें एक्स्ट्रा शब्द
जो हैं वो किशोर कुमार की देन हैं जिसको हम योड्लिंग कहते
हैं. ये योड्लिंग किशोर के गायन का यूनीक फीचर था. इस देश
में इतनी बढ़िया योड्लिंग वाला कलाकार उनके पहले या बाद में
अभी तक नहीं हुआ है.
गीत के बोल:
बाजू
बाबू समझो इशारे हौरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाड़ी कहते हैँ प्यारे पम पम पम
बाबू समझो इशारे हौरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाड़ी कहते हैँ प्यारे पम पम पम
ऐ री बा बा री बा बा बा बा
री बाबा री बा बा बा बा री बा बा
सौ बातों की एक बात यही है
ऐ क्या भला तो क्या बुरा
कामयाबी में ज़िंदगी है
सौ बातों की एक बात यही है
क्या भला तो क्या बुरा
कामयाबी में ज़िंदगी है
ऐ टूटी-फूटी सही चल जाए ठीक है
सच्ची-झूठी सही चल जाए ठीक है
ऐ टूटी-फूटी सही चल जाए ठीक है
सच्ची-झूठी सही चल जाए ठीक है
आड़ी-तिरछी चला-चला के झूम
आड़ी-तिरछी चला-चला के झूम
आड़ी चला-चला के झूम
तिरछी चला-चला के झूम
बाजू
बाबू समझो इशारे हौरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाड़ी कहते हैँ प्यारे पम पम पम
इतनी सी बात न समझा ज़माना
आदमी जो चलता रहे तो मिल जाए हर ख़ज़ाना
शोहरत है चीज़ क्या चलने का नाम है
इज़्ज़त है चीज़ क्या चलने का नाम है
आड़ी-तिरछी चला-चला के झूम
आड़ी चला-चला के झूम
तिरछी चला-चला के झूम
बाजू
बाबू समझो इशारे हौरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाड़ी कहते हैँ प्यारे पम पम पम
इतनी सी बात न समझा ज़माना
आदमी जो चलता रहे तो मिल जाए हर खज़ाना
इतनी सी बात न समझा ज़माना
आदमी जो चलता रहे तो मिल जाए हर खज़ाना
शोहरत है चीज़ आ क्या चलने का नाम है
इज्ज़त है चीज़ क्या चलने का नाम है
शोहरत है चीज़ आ क्या चलने का नाम है
इज्ज़त है चीज़ क्या चलने का नाम है
आड़ी-तिरछी चला-चला के झूम
आड़ी-तिरछी चला-चला के झूम
आड़ी चला-चला के झूम
तिरछी चला-चला के झूम
बाजू
बाबू समझो इशारे हौरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाड़ी कहते हैँ प्यारे पम पम पम
हिलमिल के चलना यूँ ही साथी
ओए बंद मुट्ठी लाख की और खुले तो प्यारे ख़ाक की
हिलमिल के चलना यूँ ही साथी
अरे बंद मुट्ठी लाख की और खुले तो प्यारे ख़ाक की
मुश्किल जो आ पड़े ठोकर से टाल दे
परबत भी हो खड़े हिलमिल के टाल दे
मुश्किल जो आ पड़े ठोकर से टाल दे
परबत भी हो खड़े हिलमिल के टाल दे
जो समझाये उसी की मची धूम
जो समझाये उसी की मची धूम
जो समझा उसी को मची धूम
जो समझा उसी को मची धूम
बाजू
बाबू समझो इशारे हौरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाड़ी कहते हैँ प्यारे पम पम पम
बाबू समझो इशारे हौरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाड़ी कहते हैँ प्यारे पम पम पम
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Baboo samjho ishare-Chalti ka naam gaadi 1958
Artists:Ashok Kumar, Anoop Kumar, Kishore Kumar
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