हम आपकी आँखों में-प्यासा १९५७
वर्ष:१९५७
गीतकार:साहिर लुधियानवी
गायक: रफ़ी, गीता दत्त
संगीतकार; सचिन देव बर्मन
सवाल जवाब जैसा ये गीत अनूठा है. आपने गर इसे ध्यान से
सुना हो तो पाएंगे इसमें कुछ अलग हट के वार्तालाप हो रहा
है. गुदगुदाने वाला गीत है ये.
गीत के बोल:
हम आपकी आँखों में इस दिल को बसा दें तो
हम मूँद के पलकों को इस दिल को सज़ा दें तो
हम आपकी आँखों में इस दिल को बसा दें तो
इन ज़ुल्फ़ों में गूँथेंगे हम फूल मुहब्बत के
ज़ुल्फ़ों को झटक कर हम ये फूल गिरा दें तो
इन ज़ुल्फ़ों में गूँथेंगे हम फूल मुहब्बत के
ज़ुल्फ़ों को झटक कर हम ये फूल गिरा दें तो
हम आपकी आँखों में इस दिल को बसा दें तो
हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा
हम आपको ख्वाबों में ला ला के सतायेंगे
हम आपकी आँखों से नींदें ही उड़ा दें तो
हम आपको ख्वाबों में ला ला के सतायेंगे
हम आपकी आँखों से नींदें ही उड़ा दें तो
हम आपकी आँखों में इस दिल को बसा दें तो
हम आपके कदमों पर गिर जायेंगे ग़श खा कर
इस पर भी न हम अपने आंचल की हवा दें तो
हम आपके कदमों पर गिर जायेंगे ग़श खा कर
इस पर भी न हम अपने आंचल की हवा दें तो
हम आपकी आँखों में इस दिल को बसा दें तो
हम मूँद के पलकों को इस दिल को सज़ा दें तो
हम आपकी आँखों में इस दिल को बसा दें तो
हम मूँद के पलकों को इस दिल को सज़ा दें तो
हम आपकी आँखों में इस दिल को बसा दें तो
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Ham aapki ankhon mein-Pyasa 1957
Artists:Guru Dutt, Mala Sinha
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