बेचैन करने वाले तू भी-यास्मीन १९५५
का ये गीत बेचैन करने वाला भी है. इसमें लानत मलानत जो
निकली है नायिका के दिल से.
फिल्म में तनवीर नकवी का लिखा हुआ केवल एक यही गीत है
बाकी के जां निसार अख्तर के लिखे हुए हैं. सी रामचंद्र ने इस
फिल्म के लिए तबियत से संगीत रचा था बावजूद इसके ना तो
फिल्म चली और ना ही संगीत लोकप्रियता के चरम पर पहुंचा.
गीत ज़रूर आजभी सुने जाते हैं फिल्म के क्यूंकि कर्णप्रिय हैं.
गीत के बोल:
यही दुआ है कि तुझको मिले सितम की सज़ा
जो मेरे दिल का है वो हाल हो तेरे दिल का
बेचैन करने वाले तू भी न चैन पाये
तेरी ही बेवफ़ाई तुझको लहू रुलाये
बेचैन करने वाले
तू भी तड़प तड़प कर पुरक़त की रात काटे
तू भी तड़प तड़प कर पुरक़त की रात काटे
गुज़रा हुआ ज़माना तुझको भी याद आये
तेरी ही बेवफ़ाई तुझको लहू रुलाये
बेचैन करने वाले
तड़पे तेरी मुहब्बत रोये तेरी जवानी
तड़पे तेरी मुहब्बत रोये तेरी जवानी
हर आह तेरी लब पर फ़रियाद बन के आये
तेरी ही बेवफ़ाई तुझको लहू रुलाये
बेचैन करने वाले
टूटे तेरे सहारे कोई भी हो न तेरा
टूटे तेरे सहारे कोई भी हो न तेरा
मेरी तरह से तू भी अपने पे रहम खाये
तेरी ही बेवफ़ाई तुझको लहू रुलाये
बेचैन करने वाले
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Bechain karne wale-Yasmin 1955
Artist: Vaijayantimala
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