दो दिल टूटे दो दिल हारे-हीरा राँझा १९७०
नहीं आई. कोई टेक्निकल परिभाषा नहीं है अच्छे गीत की. आपके
दिल को छू जाए वो अच्छा गीत-इससे मामला कुछ सिंपल हो
जाता है. अब ये दिल को छूने वाली मेलोडी कोम्प्लेक्स भी हो
सकती है और सिंपल भी.
हीरा रांझा(१९७०) के गीत बेहद लोकप्रिय हैं, आज भी. गीतकार
कैफी आज़मी ने कुछ जादुई गीत लिखे फिल्म के लिए. फिल्म के
सभी गीतों में से मुझे ये सबसे ज्यादा पसंद है उसकी वजह है-
इसका संगीत संयोजन भी दर्दीला है. कमबख्त किसी को भी इसे
परदे पर गाने के लिए दे दो उसकी आँखों से आंसू अपने आप
निकल आयेंगे, ग्लिसरिन लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. इस गीत
ने बहुतों को रुलाया है और आज भी रुलाता है. सिनेमा हॉल में
जनता रुमाल भिगो दिया करती थी इस एक गीत पर.
गीत में जितना भी अभिनय किया है अभिनेत्री प्रिय राजवंश ने
वो काबिल-ए-तारीफ़ है. उस अभिनय की चरमावस्था आप देख
सकते हैं तीसरे अंतरे में जब वो ‘तड़पोगे तुम भी’ कह कर अपने
बाप के सीने से लिपट जाती है.
गीत में सितार और शहनाई का कातिलाना मिश्रण जो है वो इसके
निहित दर्द में ऐसे काम करता है जैसे आग में घी.
गीत के बोल
दो दिल टूटे दो दिल हारे
दुनिया वालों सदके तुम्हारे
देखेगी मुखड़ा अपना अब से जवानी दिल के दाग़ में
बरसेगा कैसे सावन कैसे पड़ेंगे झूले बाग़ में
बैन करेंगे ख़्वाब कुंवारे
दो दिल टूटे दो दिल हारे
मैं न रहूँगी लेकिन गूँजेंगे आहें मेरे गाँव में
अब न खिलेगी सरसों अब न लगेगी मेहंदी पाँव में
अब न उगेंगे चाँद सितारे
दो दिल टूटे दो दिल हारे
प्यार तुम्हारा देखा
देखा तुम्हारा आँखें मोड़ना
तोड़ के जाना दिल को खेल नहीं है दिल का तोड़ना
तड़पोगे तुम भी साथ हमारे
दो दिल टूटे दो दिल हारे
दुनिया वालों सदके तुम्हारे
दो दिल टूटे दो दिल हारे
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Do dil toote do dil hare-Heera Ranjha 1970
Artists: Priya Rajvansh, Jayant
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धन्यवाद
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