गुम सुम सा ये जहाँ-दुनिया झुकती है १९६०
और हौसले बुलंद हों तो सब संभव है. इस नाम से एक फिल्म
आई थी सन १९६० में. इस फिल्म का कथानक शायद इन्हीं शब्दों
के इर्द गिर्द घूमता है.
एक ज़माना था जब हमारे भी फेवरेट सिंगर सिंग्रेस हुआ करते थे.
जब संगीत के खजाने को खंगालना शुरू किया तो पसंद बदलती
गयी, यूँ कहें पसंद में उदारता आना शुरू हो गई. कोई एक विशेष
गायक की मैं तारीफ करून और दूसरों को नज़र अंदाज़ कर दूं
संभव नहीं है.
आज आपको एक गीत सुनवा रहा हूँ, जिसे मैं ना जाने कितने साल
से सुनता आ रहा हूँ और आज भी इसे सुनने की इच्छा मन में
बनी रहती है. हेमंत कुमार और गीता दत्त का गाया युगल गीत
गीत राजेंद्र कृष्ण का है और इसका संगीत हेमंत कुमार ने तैयार
किया है.
गीत फिल्माया है गया सदा-मुस्कुराती श्यामा सुनील दत्त पर. फिल्म
उद्योग में ज़रूरत से ज्यादा मुस्कुराने वाली अभिनेत्रियां बहुत कम
हुयी हैं उनमें से एक हैं श्यामा.
गीत के बोल:
गुम सुम सा ये जहाँ, ये रात ये हवा
एक साथ आज दो दिल धड़केंगे दिलरुबा
गुम सुम सा ये जहाँ, ये रात ये समा
एक साथ आज दो दिल धड़केंगे दिलरुबा
गुम सुम सा ये जहाँ ये रात ये हवा
देखो वो चाँद बदली की ओट में छुपने लगा
ये नील गगन भी प्यार के आगे झुकने लगा
देखो वो चाँद बदली की ओट में छुपने लगा
ये नील गगन भी प्यार के आगे झुकने लगा
इतनी हसीन
इतनी शरीर
है चाँद की ये अदा
गुम सुम सा ये जहाँ ये रात ये हवा
उल्फ़त में चूर दुनिया से दूर हम आ ही गये
मंज़िल के पास अब तो हुज़ूर हम आ ही गये
उल्फ़त में चूर दुनिया से दूर हम आ ही गये
मंज़िल के पास अब तो हुज़ूर हम आ ही गये
चाहत के फूल
देखें न धूल
डाली से न हो जुदा
गुम सुम सा ये जहाँ ये रात ये हवा
एक साथ आज दो दिल धड़केंगे दिलरुबा
गुम सुम सा ये जहाँ ये रात ये हवा
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Gumsum sa ye jahan-Duniya jhukti hai 1960
Artists:Sunil Dutt, Shyama
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