रात ढली जान चली-नौशेरवां-ए-आदिल १९५७
वर्ष: १९५७
गीतकार:परवेज़ शमसी
संगीतकार: सी रामचंद्र
गायिका: लता मंगेशकर
गीत के बोल:
आ जा आ जा
आ जा आ जा
रात ढली रात ढली जान चली जान चली
बेखबर बेखबर मेरे दिलरुबा
रात ढली जान चली
बेखबर है किधर मेरे दिलरुबा
वो तेरी मेरी बात सनम याद है
वो तेरी मेरी बात सनम याद है
वो ठंडी ठंडी रात मुझे सनम याद है
वो ठंडी ठंडी रात मुझे सनम याद है
सूनी पड़ी सूनी पड़ी मेरी गली मेरी गली
बेखबर बेखबर है किधर मेरे दिलरुबा
रात ढली जान चली
बेखबर है किधर मेरे दिलरुबा
फीके पड़े हैं सारे नज़ारे
फीके पड़े हैं सारे नज़ारे
डूब चले हैं रात के तारे
दर्द-ए-जिगर कहाँ तुझको पुकारे
दर्द-ए-जिगर कहाँ तुझको पुकारे
सूख गयी दिल की कली
बेखबर है किधर मेरे दिलरुबा
आ जा आ जा
तेज बहते हुए मझधार के पानी से ना डर
तेज बहते हुए मझधार के पानी से ना डर
ना व् बन जायेगा तेरे लिए हर एक भंवर
दिल पे रख हाथ मोहब्बत के सहारे आ जा
दिल पे रख हाथ मोहब्बत के सहारे आ जा
आ जा आ जा आ जा
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Raat dhali jaan chali-Nausherwan-e-adil 1957
Artists: Mala Sinha
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