गोरी हो काली हो-बीवी ओ बीवी १९८१
की बीवी ओ बीवी जिसमें रंधीर कपूर बंसी वाले के आगे गुहार
लगाते दिखाई दे रहे हैं.
गीत में नायक साइकिल चलता भी दिख रहा है. तीसरे अंतरे तक
गीत पहुँचता है और हीरो ट्रेन पर चढ़ने का प्रयत्न करके आखिर
चढ हो जाता है. श्रेणी बनाने का शौकीनों के लिए-साइकिल गीत,
ट्रेन गीत, कुंवारा गीत, गोएई गीत, काली गीत, दुल्हन गीत और
जो बच गयी हों वो सब.
गीत के बोल:
गोरी हो काली हो या नखरेवाली हो
कैसी भी दुल्हन दिला दे
हाथों में तेरे सबकी है डोरी
अपना भी चक्कर चला दे
गोरी हो काली हो या नखरेवाली हो
कैसी भी दुल्हन दिला दे
हाथों में तेरे सबकी है डोरी
अपना भी चक्कर चला दे
बाजा बजेगा शादी रचेगी
घूंघट में गोरी हँसेगी
बाजा बजेगा शादी रचेगी
घूंघट में गोरी हँसेगी
तूने सभी का जोड़ा बनाया
तूने सभी का जोड़ा बनाया
अपना भी टाँका भिड़ा दे
गोरी हो काली हो या नखरेवाली हो
कैसी भी दुल्हन दिला दे
हाथों में तेरे सबकी है डोरी
अपना भी चक्कर चला दे
जीवन की गाड़ी दो पहियों वाली
घर को बनाये घर वाली
जीवन की गाड़ी दो पहियों वाली
घर को बनाये घर वाली
है दूर मंज़िल बेचैन है दिल
है दूर मंज़िल बेचैन है दिल
गाड़ी को धक्का लगा दे
गोरी हो काली हो या नखरेवाली हो
कैसी भी दुल्हन दिला दे
हाथों में तेरे सबकी है डोरी
अपना भी चक्कर चला दे
बम्बई का जादू ऐसा है न्यारा
कोई रहे न कुँवारा
बम्बई का जादू ऐसा है न्यारा
कोई रहे न कुँवारा
अरमान सारे हो जाये पूरे
अरमान सारे हो जाये पूरे
ज़ल्दी से दुल्हा बना दे
..............................................................
Gori ho kali ho-Biwi o biwi 1981
Artist:Randhir Kapoor