नदी नारे ना जाओ श्याम-मुझे जीने दो १९६३
आधारित सरल धुनें रचने के लिए विख्यात थे. देसी खुशबू
वाला उनका संगीत सुने काफी दिन हो गए हैं.
आज सुनते हैं मुझे जीने दो से एक गीत आशा भोंसले का
गाया हुआ. ट्रेडिशनल साहब ने इसे लिखा है. वहीदा रहमान
पर इसे फिल्माया गया है.
गीत की श्रेणियों पर बात करें. नदी हिट्स, श्याम हिट्स, पैयां
पडूं हिट्स. पारंपरिक गीत है ये इसका अर्थ ये है कि ऐसे गीत
प्रचलन में काफी पुराने समय से हैं और किसने रचे उनका
विवरण उपलब्ध नहीं होता. पीढ़ी दर पीढ़ी इसे लोग गाते चले
जाते हैं.
गीत का विवरण कई जगह पर यूँ मिलता है-नदी नारे ना जाओ
शाम. इसका अर्थ ये हुआ शाम के समय नदी के पास ना जाओ.
ये हिदायत सरीखा लगता है. दूसरा विवरण है वो श्याम से आग्रह
जैसा है. जो आपको समझ आये उसे अपना लें.
गीत के बोल:
नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
पैयाँ पडूं श्याम पैयाँ पडूं
पैयाँ पडूं श्याम पैयाँ पडूं
नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
नदी नारे जो जाओ तो जईबे करो
बीच धारे
बीच धारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
बीच धारे जो जाओ तो जईबे करो
जईबे करो श्याम जईबे करो
बीच धारे जो जाओ तो जईबे करो
उस पारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
उस पारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
तोरे पैयां पडूं
उस पारे जो जाओ तो जईबे करो
उस पारे जो जाओ तो
उस पारे हाय उस पारे हो ओ ओ
उस पारे जो जाओ तो जईबे करो
जईबे करो जईबे करो
संग सवतिया हाय
संग सवतिया न लाओ श्याम पैयाँ पडूं
संग सवतिया न लाओ श्याम पैयाँ पडूं
पैयां पडूं तोरे पैयां पडूं
पैयां पडूं तोरे पैयां पडूं
संग सवतिया न लाओ श्याम पैयाँ पडूं
संग सवतिया जो लाओ
संग सवतिया जो लाओ तो लइबे करो
संग सवतिया जो लाओ तो लइबे करो
लइबे करो लइबे करो लइबे करो
हमका न मिलाओ श्याम पैयाँ पडूं
हमका न मिलाओ श्याम पैयाँ पडूं
हमका न मिलाओ श्याम पैयाँ पडूं
नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
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Nadi naare na jao Shyam-Mujhe jeene do 1963
Artists:Waheeda Rehman, Sunil Dutt
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