जाना ओ मेरी जाना-सनम तेरी कसम १९८२
और दुखद अनुभव भी. ये सिनेमा हॉल के अंदर के माहौल के
बारे में बात हो रही है. कभी खटमलों और मच्छरों से भरे हॉल
का हाल ये होता है-खटमल कहते हैं-हम तुम्हें बैठने नहीं देंगे
और मच्छर मजाल है आपको उठने की अनुमति प्रदान कर दें.
एक छोटे शहर के एक सेमी-प्राचीन से थियेटर में सन १९८२ की
फिल्म सनम तेरी कसम देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. फिल्म
में संवाद के साथ साथ दर्शकों की फ्री कमेंट्री उपलब्ध थी. आपको
उस कमेंट्री का केवल एक अंश सुनवा रहा हूँ आज.
आज जो गाना आपको सुनवा रहे हैं उस गीत को सुनते ही एक
टूथपेस्ट याद आ जाता है. हुआ यूँ जैसे ही मीनाका या बिनाका
जो भी स्वर निकलता हो गीत में, उसके साथ ही दर्शक दीर्घा से
आवाज़ आई-बिनाका उसके आधे सेकण्ड के भीतर ही एक दूसरी
आवाज़ आई-कोलगेट. कु कुर कुकुर के साथ ही पक-पक-पकाक
जैसी आवाजें भी सुनाई दीं जैसे मुर्गे-मुर्गी का कोई खेल चल रहा
हो.
गौरतलब है उस समय इस फिल्म के कारण कमल हासन का
एक अजीब सा क्रेज मैंने युवाओं के बीच देखा. हालांकि ये फिल्म
रीना रॉय के महिमामंडन के लिए बनाई गयी ज्यादा प्रतीत होती
है. इस फिल्म की निर्मात्री उनकी बहन बरखा रॉय हैं. फिल्म के
निर्देशक नरेन्द्र बेदी हैं जिन्होंने जवानी दीवानी जैसी फिल्म का
निर्देशन भी किया था इस फिल्म से ठीक १० साल पहले. संयोग
कहें फिल्म जवानी दीवानी के गीत बेहद चर्चित हुए और उसी
तरह फिल्म सनम तेरी कसम के गीत भी. दोनों में पंचम का
संगीत है. ये कोम्बिनेशन वैसे तो कई और फिल्मों में आया मगर
फ़िल्में नहीं चलीं-दिल दीवाना(१९७४), बेनाम(१९७४), महाचोर(१९७६)
औए कच्चे हीरे(१९८२)
नरेन्द्र के निर्देशन में बनी खोटे सिक्के आम जनता को लगता है
फिरोज़ खान की बनाई फिल्म है, मगर नहीं, इसके निर्माता हैं
एन डी कोठारी. फिल्म में फिरोज़ खान की भूमिका अहम है और
उनके साथ हिंदी सिनेमा के कई ख्यात विलन भी हैं. इस फिल्म
का एक प्रेरणादायी गीत काफी चर्चित हुआ-जीवन में तू डरना नहीं.
फिल्म में ज्यादा गीत नहीं हैं और इसके अलावा के जो दो गीत
हैं वे प्रसिद्धि को तरसते रहे. किशोर कुमार का गाया वो एक गीत
फिल्म में कई हिस्सों में बजता है और जनता इस गीत से काफी
प्रभावित हुयी इसके बोलों और आकर्षक धुन की वजह से.
फिरोज खान क्लिंट ईस्टवुड के निभाए गए विशेष किस्म के चरित्र
से काफी प्रभावित से लगते रहे कई फिल्मों में. कच्चे हीरे(१९८२)
इसी कड़ी की एक और फिल्म है जो बॉक्स ऑफिस पर धराशायी
हो गयी. इसका निर्माण नेत्रपाल सिंह ने किया था. संगीत इसमें
भी पंचम का है और खोटे सिक्के के किशोर के गीत जैसे एक और
गीत को रचने की आधी अधूरी कोशिश की गयी-हारे ना इंसान. ये
गीत सुनने में तो अच्छा है मगर उसमे १९७४ के गीत वाली बात
नहीं है.
सनम तेरी कसम पर बात जारी रहेगी, पहले सुनते हैं आज का गीत
जिसे लिखा है गुलशन बावरा ने. फिल्म के सभी गीत जोरदार हैं
और आज भी लोकप्रिय हैं, विशेषकर किशोर का गाया शीर्षक गीत.
प्रस्तुत गीत आर डी बर्मन ने खुद गाया है और इसमें जो सांस
वाली कसरत उन्होंने की है वो अब तक मुझे १९८२ के बाद से किसी
गायक की आवाज़ में सुनाई नहीं दी. गायिकाओं में ज़रूर एक हैं
जो ऐसा करने में सक्षम हैं-सुनिधि चौहान.
गीत के बोल:
मीनाका ??/ बिनाका ??
कु कुर कु कुर कु कु
हे हे हे हे हे हे
जाना ओ मेरी जाना
अरे मैं हूँ तेरे ख्वाबों का राजा
अरे लैला, ओ मेरी लैला
अरे आ जा मेरी बाहों में आजा
नाज़नीं गुलबदन आँखें हैं मायखाना
देख तो प्यार से ऐसा क्या तड़पाना
अरे, ओ हो ओ हो ओ हो ओ हो
अरे जाना ओ मेरी जाना
अरे मैं हूँ तेरे ख्वाबों का राजा
अरे लैला ओ मेरी लैला
अरे आ जा मेरी बाहों में आ जा
झूम के आ ज़रा पहलू में दिलजानी
बीत ही जाये ना तन्हा ये जवानी
अरे झूम के आ ज़रा पहलू में दिलजानी
बीत ही जाये ना तन्हा ये जवानी
आ हा आ हा आ हा आ
जाना ओ मेरी जाना
अरे मैं हूँ तेरे ख्वाबों का राजा
अरे लैला ओ मेरी लैला
अरे आ जा मेरी बाहों में आ जा
कु कुरु कु कु
हे बाबा
कु कुरु कु
और भी गुस्से में खिले तू हसीना
सोच ले मेरे बिना तेरा क्या है जीना बाबा
अरे और भी गुस्से में खिले तू हसीना
सोच ले मेरे बिना तेरा क्या है जीना
ओ हो ओ हो ओ हो ओ हो
अरे जाना ओ मेरी जाना
अरे मैं हूँ तेरे ख्वाबों का राजा
अरे लैला ओ मेरी लैला
अरे आ जा मेरी बाहों में आ जा
अरे जाना ओ मेरी जाना
अरे मैं हूँ तेरे ख्वाबों का राजा
अरे लैला ओ मेरी लैला
अरे आ जा मेरी बाहों में आ जा
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Jaana o meri jaana-Sanam teri kasam 1982
Artists: Reena Roy, Kamal Hasan, Guddi Maruti
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