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Apr 2, 2020

तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार-राम भजन

रामनवमी के शुभ अवसर पर सुनते हैं एक भजन
हरिओम शरण की वाणी में. लोकप्रिय भजन है.

प्रभु पर विश्वास रहिये, वही बेड़ा पार लगायेंगे.





गीत के बोल:

हरि नाम सो ही जानिये जो सब दुःख हर ले
पल में पाप मिटाय कर चित्त शुद्ध कर दे
कृष्ण नाम तू ही जानिये जो आकर्षण कर ले
भक्तन के चित खींच कर चरण कमल धर ले

राम नाम सो ही जानिये जो रमता सकल जहान
घट घट में जो राम रहा उसको राम पहचान

तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार रे बेड़ा पार रे बेड़ा पार
तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करे
तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करे
काहे को डरे रे काहे को डरे काहे को डरे
काहे को डरे रे काहे को डरे

नैया तेरी राम हवाले लहर लहर हरि आप संभालें
नैया तेरी
नैया तेरी राम हवाले लहर लहर हरि आप संभालें
हरि आप ही उठायें तेरा भार उदासी मन काहे को करे
तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करे रे
काहे को डरे रे काहे को डरे काहे को डरे
काहे को डरे रे काहे को डरे
तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करे रे

काबू में मझधार उसी के हाथों में पतवार उसी के
काबू में रे
काबू में मझधार उसी के हाथों में पतवार उसी के
तेरी हार भी नहीं है तेरी हार उदासी मन काहे को करे
तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करे रे
काहे को डरे रे काहे को डरे काहे को डरे
काहे को डरे रे काहे को डरे
तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करे रे

सहज मिल जायेगा रे मिल जायेगा मिल जायेगा
परम सहारा मिल जायेगा
सहज मिल जायेगा परम सहारा मिल जायेगा
डोरी सौंप के तो देख एक बार उदासी मन काहे को करे
डोरी सौंप के तो देख एक बार उदासी मन काहे को करे

तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करे रे
काहे को डरे रे काहे को डरे काहे को डरे
काहे को डरे रे काहे को डरे
तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करे
मेरा राम जी मेरा राम जी
....................................................................
Tera Ramji karenge beda paar-Hariom Sharan

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Jul 14, 2017

गरजत बरसत-मल्हार १९५१

आज सुनते हैं एक सेमी क्लासिकल गीत फिल्म
मल्हार से. इसे लता मंगेशकर ने गाया है.

ओ पी नैयर ने सही कहा था-संगीतकार रौशन
अपने दिल से संगीत तैयार करते थे. इसका एक
और अच्छा उदाहरण है ये गीत.

ये एक पारंपरिक गीत है जिसकी बंदिश गौड़ मल्हार
में है.



गीत के बोल:

गरजत बरसत भीजत आईलो
गरजत बरसत भीजत आईलो
तुमरे मिलन को अपने प्रेम पिहरवा
लो गरवा लगाए
गरजत बरसत भीजत आईलो
गरजत बरसत भीजत आईलो
तुमरे मिलन को अपने प्रेम पिहरवा
लो गरवा लगाए
गरजत बरसत भीजत आईलो
गरजत

जो लो हम तुम इक ढिंग रहिलो
जो लो हम तुम इक ढिंग रहिलो
तो लो रहिलो हियरा समान
तो लो रहिलो हियरा समान
सावन आईलो लाल चुनरिया
सावन आईलो लाल चुनरिया
दे हो रंगाय
गरजत बरसत भीजत आईलो
गरजत बरसत भीजत आईलो
………………………………………
Garjat barsat bheejat-Malhar 1951

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Oct 20, 2016

कबीरा कहे ये जग अंधा-डा. बाबासाहेब अंबेडकर २०००

सन २००० में रिलीज़ एक और फिल्म का गीत सुनते हैं. ये
अलग फ्लेवर वाला है, उपदेशात्मक गीत है. जब्बार पटेल
निर्देशित फिल्म डा. बाबासाहेब अंबेडकर से ये गीत किया गया
है. परंपरागत बोलों को सुरों में ढाला है अमर हल्दीपुर ने.

रवींद्र साठे और विनोद सहगल इसे गा रहे हैं. रवींद्र साठे का
गाया एक गीत आप सुन चुके हैं पहले. विनोद सहगल गज़ल
गायन के लिए मशहूर हैं. जगजीत सिंह के संगीत निर्देशन
में उनका एक एल्बम १९८४ में आया था. गुलज़ार द्वारा निर्मित
मिर्ज़ा ग़ालिब पर बने सीरियल में भी कुछ गज़लों में आप
उनकी आवाज़ सुन सकते हैं. फिल्मों में भी उनके कुछ गीत
हैं जो हम आपको सुनवायेंगे आगे.

दक्षिण भारत के प्रसिद्ध कलाकार ममूटी ने फिल्म में अम्बेडकर
का रोल किया था जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय
पुरस्कार भी प्राप्त हुआ. फिल्म का निर्माण एन एफ डी सी ने
किया था. अंग्रेजी में बनी फिल्म को ९ भारतीय भाषाओँ में डब
किया गया था.




गीत के बोल:

कबीरा कहे ये जग अंधा
अंधी जैसी गाय बछड़ा था सो मर गया
अंधी जैसी गाय बछड़ा था सो मर गया
झूठी जाम चटाये
कबीरा कहे ये जग अंधा
कबीरा कहे ये जग अंधा

गगन घटा गहरानी साधो
गगन घटा गहरानी साधो
गगन घटा गहरानी
पूरब दिशा से उठी है बदरिया
हो पूरब दिशा से उठी है बदरिया
रिमझिम बरसात पानी रिमझिम बरसात पानी
पूरब दिशा से उठी है बदरिया
रिमझिम बरसात पानी हो रिमझिम बरसात पानी
अंधी जैसी गाय बछड़ा था सो मर गया
झूठी जाम चटाये
कबीरा कहे ये जग अंधा
कबीरा कहे ये जग अंधा
कबीरा कहे ये जग अंधा
कबीरा कहे ये जग अंधा
............................................................
Kabira kahe ye jag andha-Dr. Babasaheb Ambedkar 2000

Artist:Mamoothy

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Sep 17, 2016

नदी नारे ना जाओ श्याम-मुझे जीने दो १९६३

सरल धुनें सर चढ कर बोलती हैं. जयदेव राग रागिनियों पर
आधारित सरल धुनें रचने के लिए विख्यात थे. देसी खुशबू
वाला उनका संगीत सुने काफी दिन हो गए हैं.

आज सुनते हैं मुझे जीने दो से एक गीत आशा भोंसले का
गाया हुआ. ट्रेडिशनल साहब ने इसे लिखा है. वहीदा रहमान
पर इसे फिल्माया गया है. 

गीत की श्रेणियों पर बात करें. नदी हिट्स, श्याम हिट्स, पैयां
पडूं हिट्स. पारंपरिक गीत है ये इसका अर्थ ये है कि ऐसे गीत
प्रचलन में काफी पुराने समय से हैं और किसने रचे उनका
विवरण उपलब्ध नहीं होता. पीढ़ी दर पीढ़ी इसे लोग गाते चले
जाते हैं.

गीत का विवरण कई जगह पर यूँ मिलता है-नदी नारे ना जाओ
शाम. इसका अर्थ ये हुआ शाम के समय नदी के पास ना जाओ.
ये हिदायत सरीखा लगता है. दूसरा विवरण है वो श्याम से आग्रह
जैसा है. जो आपको समझ आये उसे अपना लें.



गीत के बोल:

नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
पैयाँ पडूं श्याम पैयाँ पडूं
पैयाँ पडूं श्याम पैयाँ पडूं

नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
नदी नारे जो जाओ तो जईबे करो
बीच धारे
बीच धारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं

बीच धारे जो जाओ तो जईबे करो
जईबे करो श्याम जईबे करो
बीच धारे जो जाओ तो जईबे करो
उस पारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
उस पारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
तोरे पैयां पडूं
उस पारे जो जाओ तो जईबे करो
उस पारे जो जाओ तो
उस पारे हाय उस पारे हो ओ ओ
उस पारे जो जाओ तो जईबे करो
जईबे करो जईबे करो
संग सवतिया हाय
संग सवतिया न लाओ श्याम पैयाँ पडूं
संग सवतिया न लाओ श्याम पैयाँ पडूं
पैयां पडूं तोरे पैयां पडूं
पैयां पडूं तोरे पैयां पडूं
संग सवतिया न लाओ श्याम पैयाँ पडूं
संग सवतिया जो लाओ
संग सवतिया जो लाओ तो लइबे करो
संग सवतिया जो लाओ तो लइबे करो
लइबे करो लइबे करो लइबे करो
हमका न मिलाओ श्याम पैयाँ पडूं
हमका न मिलाओ श्याम पैयाँ पडूं
हमका न मिलाओ श्याम पैयाँ पडूं

नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
नदी नारे न जाओ श्याम पैयाँ पडूं
.........................................................................
Nadi naare na jao Shyam-Mujhe jeene do 1963

Artists:Waheeda Rehman, Sunil Dutt

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Jul 1, 2016

भटके पंछी-मैं प्रेम की दीवानी हूँ २००३

अगर आपने फिल्म के शीर्षक से ये अंदाजा लगाया कि ये
सूरज बडजात्या की फिल्म है तो आप सही हैं. फिल्म की
पटकथा और निर्देशन सूरज बडजात्या का ही है. उनका
गीत प्रेम भी बरकरार है इस फिल्म में और ११ गानों से
फिल्म भरी पड़ी है.

फिल्म से एक छोटा गीत सुनते हैं जिसे चित्रा ने गाया है.
अन्नू मलिक का संगीत है और गीत लिखा है पारंपरिक
साहब ने. पारंपरिक साहब का अंग्रेजी नाम है-Traditional

गीत मनोरंजक ढंग से प्रतुत किया गया है फिल्म में. इस
गीत में दिखाई देने वाले वाद्य यंत्र आवाज़ नहीं कर रहे हैं.





गीत के बोल:

भटके पंछी
भटके पंछी भूल ना जाना
ये जग तेरा नहीं ठिकाना
ये जग तेरा नहीं ठिकाना
ये जग तेरा नहीं ठिकाना
न न न न अ
भटके पंछी भूल ना जाना
ये जग तेरा नहीं ठिकाना

भूल से तू यहाँ पे आया
तेरे किये ये देस पराया
भूल से तू यहाँ पे आया
तेरे किये ये देस पराया
एक दिन वापस पड़ेगा जाना
जाना जाना जाना
भटके हो भटके
हो भटके पंछी
भटके पंछी भूल ना जाना
ये जग तेरा नहीं ठिकाना
......................................................
Bhatke panchhi-Main prem ki deewani hoon 2003

Artists-Kareena Kapoor, Hritik Roshan

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Oct 21, 2009

चले आओ सैयां-बाज़ार १९८२

अगर दिन सूखे गीले हो सकते हैं तो कोई आवाज़ भी सोंधी हो
सकती है। यहाँ आवाज़ जिसका जिक्र किया जा रहा है वो है
संगीतकार खय्याम की पत्नी जगजीत कौर का जिन्होंने कई
गीत गाये हैं हिन्दी फिल्मों में। सभी खय्याम द्वारा संगीतबद्ध हैं।
उनकी अनूठी आवाज़ में एक गीत है फ़िल्म बाज़ार का -चले आओ
सैयां। गीत में उनका साथ दिया है निर्देशक यश चोपडा की श्रीमती
पामेला चोपडा ने। फ़िल्म १९८२ में आई थी। सागर सरहदी द्वारा
निर्देशित फ़िल्म में थिएटर के बहुत से कलाकार थे।



गाने के बोल:

चले आओ सैयां, रंगीले
मैं वारी रे

चले आओ सैयां, रंगीले
मैं वारी रे (२)

सजन मोहे तुम बिन भाए ना गजरा
सजन मोहे तुम बिन भाए ना गजरा
ओ भाए ना गजरा
जी भाए ना गजरा

ना मोतिया, चमेली, ना जूही ना मोगरा
ना मोतिया, चमेली, ना जूही ना मोगरा

चले आओ सैयां, रंगीले
मैं वारी रे

सजन मोहे तुम बिन भाए ने जेवर
सजन मोहे तुम बिन भाए ने जेवर
ओ भाए ना जेवर
जी भाए ना जेवर

ना झुमके ना कंगन ना झूमर ना झांझर
ना झुमके ना कंगन ना झूमर ना झांझर

चले आओ सैयां, रंगीले
मैं वारी रे

सजन मोहे तुम बिन
भाए ना सिंगार
सजन मोहे तुम बिन
भाए ना सिंगार
ओ भाए ना सिंगार
जी भाए ना सिंगार

ना काजल ना सुर्खी ना मिस्ती ना मेहँदी
ना काजल ना सुर्खी ना मिस्ती ना मेहँदी

चले आओ सैयां, रंगीले
मैं वारी रे

चले आओ सैयां, रंगीले
मैं वारी रे (२)
.................................................................
Chale aao saiyan-Bazaar 1982

Artists:  Nisha Singh

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