ओ बाबू ओ लाला-दिल्ली का ठग १९५८
में आवश्यक अंग होता था. ऐसे कथानकों में जिसमें नायक नायिका
क्लब में जाते हों. किसी खेती किसानी वाली फिल्म में क्लब गीत
की कल्पना थोडा मुश्किल काम है, मगर हैं, ऐसी फ़िल्में भी.
गीत स्मृति बिश्वास गा रही हैं परदे पर. उनके अलावा इफ्तेखार,
मदन पुरी और कुछ अनजाने से चेहरे गीत में दिखाई दे रहे हैं.
मजरूह सुल्तानपुरी का लिखा हुआ ये गीत रवि द्वारा संगीतबद्ध है
और गीता दत्त इसकी गायिका हैं. गीत एक प्रसिद्ध गीत से प्रेरित
है.
सन १९४५ में रिलीज़ हुआ एंड्रयू सिस्टर्स का गाया गीत इधर है:
गीत के बोल:
ओ बाबू ओ लाला
मौसम देखो चला
सुन ले दिल क्या बोला
है कोई प्यार करने वाला
ओ बाबू ओ लाला
मौसम देखो चला
सुन ले दिल क्या बोला
है कोई प्यार करने वाला
ओ बाबू ओ लाला
सुन जा क्या कहती हैं
ये भीगी भीगी रातें
आँखों ही आँखों में
हो जाएँ दो दो बातें
हमसे निगाहें तो मिला
ओ बाबू ओ लाला
मौसम देखो चला
सुन ले दिल क्या बोला
है कोई प्यार करने वाला
ओ बाबू ओ लाला
खोई खोई रुत है
कुछ बहकी कुछ बहकाई
महफ़िल की महफ़िल है
तन्हाई की तन्हाई
खोई खोई रुत है
कुछ बहकी कुछ बहकाई
महफ़िल की महफ़िल है
तन्हाई की तन्हाई
आ जा मिटा दें फ़ासला
ओ बाबू ओ लाला
मौसम देखो चला
सुन ले दिल क्या बोला
है कोई प्यार करने वाला
ओ बाबू ओ लाला
आ जा दिल के राही
ये हैं उल्फत की राहें
साथी बन जा मेरा
बाहों में ले के बाहें
आ जा दिल के राही
ये हैं उल्फत की राहें
साथी बन जा मेरा
बाहों में ले के बाहें
हाथों में मेरे हाथ ला
ओ बाबू ओ लाला
मौसम देखो चला
सुन ले दिल क्या बोला
है कोई प्यार करने वाला
ओ बाबू ओ लाला
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O baboo o lala-Dilli ka thug, 1958
Artists: Smriti Biswas, Madan Puri, Iftekhar
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