झुके जो तेरे नैना-कंगन १९७२
वाली फिल्म का एक गीत सुना था. आज सुनते हैं एक और गीत
जो लोकप्रिय है. इसे महेंद्र कपूर ने गाया है.
सन १९७२ की फिल्म कंगन में कल्याणजी आनंदजी का संगीत
है. के बी तिलक फिल्म के निर्देशक हैं. फिल्म में अशोक कुमार
भी मौजूद हैं.
गीत अनजान का लिखा हुआ है और गीत में शायद माला सिन्हा
की आवाज़ भी है.
गीत के बोल:
झुके जो तेरे नैना
झुके जो तेरे नैना
झुके जो तेरे नैना
तो चूड़ी तेरी खनकी
ये पायल तेरी छनकी
ये तेरी मेरी ये तेरी मेरी प्रीत
गोरी है बालेपन की
ये तेरी मेरी प्रीत
गोरी है बालेपन की
झुके जो तेरे नैना
कली जो खिलेगी
कली जो खिलेगी तो खुशबू उड़ेगी
छुपें फूल फिर भी ना खुशबू छुपेगी
छुपा ले ये फूलों सा मुखडा कहीं तू
लगन तेरे मन की
तो छुप ना सकेगी
उदा जो तेरा आँचल
उदा जो तेरा आँचल
तो चूड़ी तेरी खनकी
ये पायल तेरी छनकी
ये तेरी मेरी ये तेरी मेरी प्रीत
गोरी है बालेपन की
ये तेरी मेरी प्रीत
गोरी है बालेपन की
झुके जो तेरे नैना
कभी छांव बन के
कभी छांव बन के कभी धूप बन के
दिखता है ये रूप सपने मिलन के
मगर जब मिलन की घडी पास आये
तो दिखलाये जलवे ये बेगानेपन के
ओ ओ ओ ओ आ हा हा हा हा हा
जो लट लहराई
जो लट लहराई
तो चूड़ी तेरी खनकी
ये पायल तेरी छनकी
ये तेरी मेरी ये तेरी मेरी प्रीत
गोरी है बालेपन की
ये तेरी मेरी प्रीत
गोरी है बालेपन की
झुके जो तेरे नैना.
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Jhuke jo tere naina-Kangan 1972
Artists: Mala Sinha, Sanjeev Kumar
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