धडका दिल दिल दिल-एक और सिकंदर १९८६
के. किसी कलाकार की नाटकीयता स्वाभाविक लगती है तो
किसी की बोर करने वाली और आपको सिनेम हॉल से बाहर
जाने को प्रेरित करने वाली.
आइये सुनें एक गीत फिल्म एक और सिकंदर से जिसका नाम
कुछ और भी हो सकता था. ये सन १९८६ की फिल्म है जिसमें
मिथुन, अनीता राज, रति और राकेश रोशन प्रमुख कलाकार हैं.
मामला ये है कि हीरो बहुत खुश है और इसी खुशी में वो अपनी
कबाड़ी बाजार में असेम्बल मोटर साइकिल पर बल खाता और
लहराता नायिका से अपनी खुशी का इज़हार कर रहा है. नायिका
भी अधीर हो रही है नायक के मुखारविंद से उसके खुश होने
का कारण जानने के लिए. उसका दिल धड़क रहा है. ये समझ
नहीं आया, पहले बंद था और बाद में धड़कने लगा या धड़क
तो रहा था स्पीड बाद में पकड़ी. दिल के मामले में ह्रदय का
विशेषज्ञ फेल हो सकता है इस मामले में.
मोटर वाली साइकिल चलने वालों के लिए सबक है गीत में कि
सामने देख के चलायें नहीं तो आप आम के पेड पर या खम्बे
पर भी पहुँच सकते है मुफ्त में.
ये ड्रामा खत्म होते ही गीत चालू हो जाता है, आखिर फिल्म की
लम्बाई का ध्यान रखते हुए ये करना पढता है. काफी लुभावने
दृश्यों वाला गीत है और फूलों के बगीचे में आप सब्जी ढूँढने की
कोशिश ना करें, मेरा अभिप्राय चुकंदर से है.
गीत के बोल:
पोस्ट का आनंद उठायें तब तक बोल चिपकाये जा रहे हैं.
धन्यवाद.
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Dhadka dil dil dil-Ek aur sikandar 1986
Artists: Rakesh Roshan, Anita Raj,
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