हम तोहरे सैयां हैं-मेरा दोस्त मेरा दुश्मन १९८४
अवसर का गीत है मगर इसे आप कभी भी सुन सकते हैं. इसमें
एक अनूठा पेयर है-शत्रुघ्न सिन्हा और स्मिता पाटिल.
किशोर कुमार और आशा भोंसले का गाया युगल गीत लिखा है
कविराज आनंद बक्षी ने और इस गीत का संगीत तैयार किया है
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने. मधुर गीत है ये. होली के अवसर पर
अमूमन धिनचक किस्म के गीत ज्यादा बजते हैं.
इस गीत को सुन कर एक गीत याद आता है जीतेंद्र की फिल्म
खानदान से-बस्ती के लोगों में हुए बदनाम वो भी किशोर कुमार
का गाया हुआ है मगर उस गीत के संगीतकार खय्याम हैं. हिंदी
फ़िल्मी गीतों का भाईचारा जो जगजाहिर है. ये कहीं कहीं तो इतने
उदार हैं कि अंतर्राष्ट्रीय गीतों से भी भाईचारा बना लेते हैं. भाई
पाठक लोग थोडा हमारे ज्ञान पर दाद खुजली वगैरह जो बन पड़े
दे दो थोडा सा.
गीत के बोल:
हम तोहरे सैयां हैं हम तोहरे सैयां
हम तोहरे सैयां हैं हम तोहरे सैयां
सैयां तो बैयाँ मरोड़ेंगे
कल तुझे छोड़ दिया
कल तुझे छोड़ दिया
आज मगर नहीं छोड़ेंगे
कैसे बेदर्दी से आँख लड़ी रे
कैसे बेदर्दी से आँख लड़ी रे
राम कसम मुश्किल में जान पड़ी रे
कैसे बेदर्दी से आँख लड़ी रे
राम कसम मुश्किल में जान पड़ी रे
मैं रेशम की नाजुक सी डोरी
मोसे ना कर
हो मोसे ना कर जोरा जोरी हो
हो मोसे ना कर जोरा जोरी
ऐसी नाजुक थी तो गोरी
प्यार किया क्यूँ चोरी चोरी हो ओ ओ ओ
ये हो गयी मुझसे भूल बड़ी रे
ये हो गयी मुझसे भूल बड़ी रे
राम कसम मुश्किल में जान पड़ी रे
कैसे बेदर्दी से आँख लड़ी रे
राम कसम मुश्किल में जान पड़ी रे
खुल के बिखरी जो ज़ुल्फ़ तेरी
दिन में हो गयी रात अँधेरी
दिन में हो गयी रात अँधेरी
देख कलाई छोड़ दे मेरी मेरी
देख कलाई छोड़ दे मेरी
या कहती हूँ बात वो तेरी हाँ
काटें चुभोये फूलों की छड़ी रे
काटें चुभोये फूलों की छड़ी रे
राम कसम मुश्किल में जान पड़ी रे
कैसे बेदर्दी से आँख लड़ी रे
राम कसम मुश्किल में जान पड़ी रे
बातों में ना बात छुपा रे
बातों में ना बात
क्या मर्ज़ी है साफ़ बता दे
क्या मर्ज़ी है साफ़
मेरे तन की प्यास मिटा दे
मेरे तन की प्यास मिटा दे
मेरे दिल की आग बुझा दे
लाऊँ कहाँ से मैं सावन की झड़ी रे
लाऊँ कहाँ से मैं सावन की झड़ी रे
राम कसम मुश्किल में जान पड़ी रे
कैसे बेदर्दी से आँख लड़ी रे
राम कसम मुश्किल में जान पड़ी रे
राम कसम मुश्किल में जान पड़ी रे
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Ham tohre saiyan hain-Mera dost mera dushman 1984
Artists: Shatrughan Sinha, Smita Patil
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