क्यों याद आ रहे हैं-अनमोल घडी १९४६
साल तो हो ही चुके हैं. फिल्म रिलीज़ हुई थी १९४६ में
तो हम मान लेते हैं इसके गीत १९४५ में बनना शुरू
हुए होंगे. ये पुराने संगीत का दम ही है जो हम इतने
पुराने गीत भी आज सुनते हैं.
तनवीर नकवी का लिखा, नौशाद द्वारा संगीतबद्ध और
सुरेन्द्र का गाया एक गीत सुनते हैं इसी फिल्म से. पूर्व
में हम आपको ३ गीत इस फिल्म से सुनवा चुके हैं
गीत के बोल:
क्यों याद आ रहे हैं
गुज़रे हुए ज़माने
ये दुःख भरे फ़साने
रोते हुए तराने
किसको सुना रहे हैं
क्यों याद रहे हैं
यूँ मुस्कुरा रहे हैं
देखो अगर तो समझो
आँसू बहा रहे हैं
यूँ मुस्कुरा रहे हैं
देखो अगर तो समझो
आँसू बहा रहे हैं
क्यों याद आ रहे हैं
गुज़रे हुए ज़माने
क्या बात है ना जाने
क्यों हिचकियों की लय पे
गाते हैं ग़म के गाने
क्या बात है ना जाने
क्यों हिचकियों की लय पे
गाते हैं ग़म के गाने
हम भोर के दिये हैं
हम भोर के दिये हैं
बुझते ही गा रहे हैं
क्यों याद आ रहे हैं
गुज़रे हुए ज़माने
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Kyon yaad aa rahe hain-Anmol Ghadi 1946
Artist: Surendra
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