ए इश्क़ ये सब दुनिया वाले-मुग़ल-ए-आज़म १९६०
के पुष्टि कई फ़िल्मी गीतों में हुई है.जिसने कभी किरकिट नहीं
खेली वो भी किरकिट का एक्सपर्ट कमेन्ट उत्पादक बन जाता
है, वैसे ही जिसने प्यार मोहब्बत के आलू प्याज ना खाए हों
वो भी इश्क पर थीसिस लिखता दिखलाई दे जायेगा.
दुनिया तो कहती ही रहेगी, मगर ना तो प्यार करने वाले ही
रुकेंगे न प्याज खाने वाले. प्याज १०० रूपये किलो हो जाए
तब भी नहीं.
सुनते हैं मुग़ल-ए-आज़म से लता मंगेशकर का गाया एक गीत
जिसे शकील ने लिखा और नौशाद ने संगीत से संवारा. गीत
में शहजादे पर कटाक्ष है और पूछा जा रहा है के वाकई इश्क
का मतलब मालूम है भी या नहीं ? शीला दलाया नामक इस
कलाकार ने फिल्म में अनारकली की बहन की भूमिका निभाई
थी जो परदे पर गीत गा रही है.
गीत के बोल:
ए इश्क़ ये सब दुनिया वाले
ए इश्क़ ये सब दुनिया वाले बेकार की बातें करते हैं
बेकार की बातें करते हैं
पायल के ग़मों का इल्म नहीं
पायल के ग़मों का इल्म नहीं झंकार की बातें करते हैं
झंकार की बातें करते हैं
ए इश्क़ ये सब दुनिया वाले
हर दिल में छुपा है तीर कोई हर पाँव में है ज़ंजीर कोई
पूछे कोई उनसे ग़म के मज़े
पूछे कोई उनसे ग़म के मज़े जो प्यार की बातें करते हैं
जो प्यार की बातें करते हैं
ए इश्क़ ये सब दुनिया वाले
उल्फ़त के नये दीवानों को किस तरह से कोई समझाये
किस तरह से कोई समझाये
नज़रों पे लगी है पाबंदी
नज़रों पे लगी है पाबंदी दीदार की बातें करते हैं
दीदार की बातें करते हैं
ए इश्क़ ये सब दुनिया वाले
भँवरे हैं अगर मदहोश तो क्या परवाने भी हैं ख़ामोश तो क्या
सब प्यार के नग़मे गाते हैं
सब प्यार के नग़मे गाते हैं सब यार की बातें करते हैं
सब यार की बातें करते हैं
ए इश्क़ ये सब दुनिया वाले बेकार की बातें करते हैं
बेकार की बातें करते हैं
ए इश्क़ ये सब दुनिया वाले
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Ae ishq ye sab duniya waale-Mughal-e-azam 1960
Artists: Dilip Kumar, Ajit, Sheila Dalaya
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