हम चल रहे थे-दुनिया ना माने १९५९
है १९५९ की फिल्म दुनिया ना माने से जिसमें लता और मुकेश
की आवाज़ो में एक युगल गीत भी है जिसे हम इस गीत का
दूसरा वर्ज़न कह सकते हैं. राजेंद्र कृष्ण का लिखा गीत है ये
और मदन मोहन का संगीत. मदन मोहन के संगीत में मुकेश
के गाये गिनती के गीत हैं.
फिल्म के प्रमुख कलाकार हैं प्रदीप कुमार और माला सिन्हा.
फिल्म ज्यादा नहीं चली और इसके गीत भी कम सुने गए.
प्रस्तुत गीत के युगल संस्करण को आप फिल्म का सबसे
लोकप्रिय गीत कह सकते हैं.
गीत के बोल:
हम चल रहे थे वो चल रहे थे
मगर दुनियावालों के दिल जल रहे थे
हम चल रहे थे वो चल रहे थे
मगर दुनियावालों के दिल जल रहे थे
हम चल रहे थे
वो ही है फिज़ायें वो ही है हवायें
मगर प्यार की अब नही वो अदायें
वो ही है फिज़ायें वो ही है हवायें
मगर प्यार की अब नही वो अदायें
बुलायें हम उनको मगर वो न आयें
हम चल रहे थे वो चल रहे थे
मगर दुनियावालों के दिल जल रहे थे
हम चल रहे थे
खफा मुझसे क्यूँ है खफा होने वाले
जुदा मुझसे क्यूँ है जुदा होने वाले
खफा मुझसे क्यूँ है खफा होने वाले
जुदा मुझसे क्यूँ है जुदा होने वाले
कहाँ है वो वादे वफ़ा होने वाले
हम चल रहे थे वो चल रहे थे
मगर दुनियावालों के दिल जल रहे थे
हम चल रहे थे
उन्हें भूल कर भी भुला ना सकूंगा
जो दिल में लगी है बुझा ना सकूंगा
उन्हें भूल कर भी भुला ना सकूंगा
जो दिल में लगी है बुझा ना सकूंगा
मैं सपनों की दुनिया सजा ना सकूंगा
हम चल रहे थे वो चल रहे थे
मगर दुनियावालों के दिल जल रहे थे
हम चल रहे थे
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Ham chal rahe the-Duniya na mane 1959
Artists: Pradeep Kumar