Feb 25, 2017

मुझे कुछ कहना है-बॉबी १९७३

गीत में लखनऊ और लखनऊ के नवाबों का जिक्र है. अदब वाला
शहर लखनऊ आज भी अपनी मीठी बोली और अदब के लिया जाना
जाता है. यहाँ गुस्सा और भड़ास भी अदब के साथ निकाली जाती है.
अंदाज़ा लगाइए किसी को किसी से प्रेम हो तो क्या हाल होता होगा.

नायक को कुछ कहना है तो नायिका क्यूँ पीछे रहे, उसे भी कुछ
कहन अहै. इस कहने सुनने में गीत काफी लंबा हो चला है. ये सुनते
सुनते उतना लंबा नहीं लगा मगर जब इसके बोल लिखने बैठे तो
मालूम हुआ पंक्तियाँ रूटीन गीतों से ज्यादा हैं इसमें.

ये गीत भी आनंद बक्षी और लक्ष्मी प्यारे की जोड़ी की देन है. इसे
शैलेन्द्र सिंह और लता मंगेशकर ने गाया है. लक्ष्मी प्यारे की एक
फिल्म का गीत जॉन जॉनी जनार्दन इस गीत से निकला है गौर
फरमाएं.



गीत के बोल:

मुझे कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
मुझे कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
पहले तुम पहले तुम
पहले तुम पहले तुम
तुम तुम तुम तुम तुम तुम

देखो जिस तरह लखनऊ के दो नवाबों की गाड़ी
पहले आप पहले आप पहले आप
पहले आप करते निकल गयी थी
उस तरह हमारी पहले तुम  पहले तुम  पहले तुम
पहले तुम में ये मस्ती भरी रूठ ना चली जाए

अच्छा  मै कहती हूँ
अक्सर कोई लड़की इस हाल मे
किसी लड़के से सोलहवें साल मे
जो कहती है वो मुझे कहना है
अक्सर कोई लड़का इस हाल मे
किसी लड़की से सोलहवें साल मे
जो कहता है वो मुझे कहना है
अक्सर कोई लड़की
हाँ अक्सर कोई लड़का
अक्सर कोई लड़की इस हाल मे

ना आँखों में नींद  ना दिल में करार
यही इंतज़ार  यही इंतज़ार
तेरे बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता
सब झूठा लगता है  सच्चा नहीं लगता
ना घर में लगे दिल  ना बाहर कहीं पर
बैठी हूँ कहीं पर  खोई हूँ कहीं पर
अरे कुछ ना कहूँ  चुप रहूँ
मै नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रहना है

मुझे कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
पहले तुम पहले तुम
पहले तुम पहले तुम
पहले तुम पहले तुम पहले तुम

मुझे रात दिन नहीं और काम
कभी तेरी याद  कभी तेरा नाम
सब रंग दुनिया के फीके लगते हैं
एक तेरे बोल बस मीठे लगते हैं
लिखे हैं बस तेरे सजदे इस ज़बीं पर
जिंदा हूँ मैं तेरी बस हाँ पर नहीं पर
अरे कुछ ना कहूँ  चुप रहूँ
मै नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रहना है

मुझे कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
पहले तुम पहले तुम
पहले तुम पहले तुम
तुम तुम तुम तुम

मिले हमको फूल के कांटें मिले
वहाँ जा बसे  वहाँ जा रहे
तुझे मिलने में जहाँ डर ना हो कोई
पिया के सिवाय दूजा घर ना हो कोई
क्या ऐसी जगह है कोई इस ज़मीं पर
रहने दे बात को यहाँ पर  यहीं पर
अरे कुछ ना कहूँ  चुप रहूँ
मै नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रहना है

अक्सर कोई लड़की इस हाल मे
किसी लड़के से सोलहवें साल मे
जो कहती है
जो कहता है वो मुझे कहना है
अक्सर कोई लड़की इस हाल मे
…………………………………………………….
Mujhe kuchh kehna hai-Bobby 1973

Artists: Rishi kapoor, Dimple Kapadia

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