नाचे रे गोरी डींगू-लाजवाब १९५०
एक गीत है जो कभी अनोखे बोल वाले कार्यक्रम में आया
करता था. इसकी धुन बड़ी आकर्षक है.
ये अनोखे बोल और भी अनोखे हो जाते था जब शब्द ना
समझ आने की सूरत में जनता कुछ का कुछ बतलाया
करती थी. फिल्म लाजवाब का ये गीत लोक धुन पर
आधारित है. इसमें लता मंगेशकर के साथ अनिल बिश्वास
की आवाज़ है जो इस गीत के संगीतकार भी हैं. गीत
किसी शेखर नाम के गीतकार ने लिखा है जिन्होंने फिल्म
में कुल जमा दो गीत लिखे हैं.
रेडियो सीलोन काफी लहरा लहरा के बजा करता था हमारे
और कई घरों के रेडियो पर. मुझे इसका शब्द समझ नहीं
आया तो किसी ने बतलाया-झींगु, झिंगो, किसी ने कहा पिंगु.
अभी कुछ दिन पहले यू ट्यूब पर किसी ने लिख रखा था
डेंगू.
इसके बोल केवल एक ही अंतरे के दे रहा हूँ. हमारे प्रिय कॉपी
पेस्ट करने वाले मित्र थोड़ी तकलीफ उठायें और सुन के दूसरे
अंतरे के बोल लिखे लें अपने आप.
गीत के बोल:
डींगू नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू
ए ढोल बाजे कुडदुम पायल बजे झुम झुम
ढोल बाजे कुडदुम पायल बजे झुम झुम
हाँ जिया बोले सैयां नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी हई नाचे रे गोरी
नाचे रे गोरी हई नाचे रे गोरी
पास बालम चोरी चोरी आ
हाय तुझे देख न ले
कोई तुझे देख न ले कोई
ले के जिए दे के जिया
कह ले ज़रा सुन ले ज़रा
नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू
प्यार भरे नैन मिला जा
पास बालम चोरी चोरी आ
हाय तुझे देख न ले
कोई तुझे देख न ले कोई
ले के जिए दे के जिया
कह ले ज़रा सुन ले ज़रा
प्यार भरे नैन मिला जा
नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू
तोरे बिना चैन नहीं आये रे बलम
चैन नहीं आये
कौन सुने दिल जो मेरा गाये रे बलम
दिल जो मेरा गाये
तोरे बिना चैन नहीं आये रे बलम
चैन नहीं आये
कौन सुने दिल जो मेरा गाये रे बलम
दिल जो मेरा गाये
उमड़ घुमड़ आई घटा तोहे बलम मेरी कसम
नैनों से आ दिल में समा जा
नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू
ए ढोल बाजे कुडदुम पायल बजे झुम झुम
ढोल बाजे कुडदुम पायल बजे झुम झुम
हाँ जिया बोले सैयां नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी हई नाचे रे गोरी
नाचे रे गोरी हई नाचे रे गोरी
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Naache re gori dingu-Lajawab 1950
Artist: Rehana