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Sep 4, 2019

सुंदरी ओ सुंदरी-लाजवाब १९५०

फिल्म लाजवाब का ये लाजवाब गीत इतना लाजवाब है कि
ये भविष्य की एक फिल्म के गीत-मनचली ओ मनचली की
याद दिला देता है. है न जादू. इसमें महिला और पुरुष कोरस
की पंक्तियां ओवरलैप करती हैं जो एक तरीके का अनूठापन है.

अनिल बिश्वास, बीनापानी मुखर्जी और लता मंगेशकर संग
ढेर सारे कलाकारों द्वारा गाया गया ये गीत सोहन और रेहना
अभिनीत फिल्म से है. इस फिल्म में प्रस्तुत गीत के लेखक
प्रेम धवन ने भी काम किया है. संगीतकार हैं अनिल बिश्वास.
फिल्म के अन्य गीत नाचे रे गोरी डिंगू में संगीतकार की
आवाज़ अलग सी लगती है. लगता है ये गुण भी सी रामचंद्र
ने अपने गुरु से ही ग्रहण किया था.




गीत के बोल:

सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
ओ सुंदरी
दो दिनों की जिंदगी में क्यूँ कमाए गीत
दो दिनों की जिंदगी में क्यूँ कमाए गीत
मारे जा मारे जा गोरी
मारे जा मारे जा गोरी  नैननवा के तीर तीर
जिया लागे ना री जिया लागे ना री
सुंदरी ओ सुंदरी हाय दो दिनों की जिंदगी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
ओ सुंदरी

हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
काली काली जुल्फें तेरी गोरे गोरे गाल
ओ गोरी
गोरे गोरे गाल
ओ छोरी
गोरे गोरे गाल
ठुमक ठुमक चाले छोरी मोरनी की चाल
छोरी मोरनी की चाल होए
ठुमक ठुमक चाले छोरी मोरनी की चाल
छोरी मोरनी की चाल
होये होये होये होये होये होये होये होये

झूठे तेरे वादे जा रे झूठे तेरे गीत
जा रे झूठे तेरे गीत
हमको नहीं भाये तेरी प्रीत की ये रीत
तेरी प्रीत की ये रीत
जब तू ही मुंह फेर ले तो
हो छोरी हो गोरी
जब तू ही मुंह फेर ले तो कैसे धारूं धीर
जिया लागे ना री जिया लागे ना री

सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
ओ सुंदरी

हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
टन टना टन माडल बाजे
ढोल बाजे ढमा ढम ढोल बाजे
जिया बोले धक धक जिया बोले धक धक
हो ओ ओ ओ ओ
दो दिनों की जिंदगी में दिल लगाये कौन
हाँ दिल लगाये कौन
प्रेम की अग्नि में भला जी जलाये कौन
भला जी जलाये कौन
फिर नैन मिला के काहे डारी
हो गोरी हो छोरी
फिर नैन मिला के काहे डारी प्यार की ज़ंजीर
जिया लागे ना री जिया लागे ना री

सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
सुंदरी
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Sundari o sundari-Lajawab 1950

Artist:

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Feb 27, 2017

नाचे रे गोरी डींगू-लाजवाब १९५०

कुछ गीतों के साथ मजेदार यादें जुडी होती हैं. ऐसा ही
एक गीत है जो कभी अनोखे बोल वाले कार्यक्रम में आया
करता था. इसकी धुन बड़ी आकर्षक है.

ये अनोखे बोल और भी अनोखे हो जाते था जब शब्द ना
समझ आने की सूरत में जनता कुछ का कुछ बतलाया
करती थी. फिल्म लाजवाब का ये गीत लोक धुन पर
आधारित है. इसमें लता मंगेशकर के साथ अनिल बिश्वास
की आवाज़ है जो इस गीत के संगीतकार भी हैं. गीत
किसी शेखर नाम के गीतकार ने लिखा है जिन्होंने फिल्म
में कुल जमा दो गीत लिखे हैं.

रेडियो सीलोन काफी लहरा लहरा के बजा करता था हमारे
और कई घरों के रेडियो पर. मुझे इसका शब्द समझ नहीं
आया तो किसी ने बतलाया-झींगु, झिंगो, किसी ने कहा पिंगु.
अभी कुछ दिन पहले यू ट्यूब पर किसी ने लिख रखा था
डेंगू.

इसके बोल केवल एक ही अंतरे के दे रहा हूँ. हमारे प्रिय कॉपी
पेस्ट करने वाले मित्र थोड़ी तकलीफ उठायें और सुन के दूसरे
अंतरे के बोल लिखे लें अपने आप.



गीत के बोल:

डींगू नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू
ए ढोल बाजे कुडदुम पायल बजे झुम झुम
ढोल बाजे कुडदुम पायल बजे झुम झुम
हाँ जिया बोले सैयां नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी हई नाचे रे गोरी
नाचे रे गोरी हई नाचे रे गोरी

पास बालम चोरी चोरी आ
हाय तुझे देख न ले
कोई तुझे देख न ले कोई
ले के जिए दे के जिया
कह ले ज़रा सुन ले ज़रा
नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू
प्यार भरे नैन मिला जा
पास बालम चोरी चोरी आ
हाय तुझे देख न ले
कोई तुझे देख न ले कोई
ले के जिए दे के जिया
कह ले ज़रा सुन ले ज़रा
प्यार भरे नैन मिला जा
नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू

तोरे बिना चैन नहीं आये रे बलम
चैन नहीं आये
कौन सुने दिल जो मेरा गाये रे बलम
दिल जो मेरा गाये
तोरे बिना चैन नहीं आये रे बलम
चैन नहीं आये
कौन सुने दिल जो मेरा गाये रे बलम
दिल जो मेरा गाये
उमड़ घुमड़ आई घटा तोहे बलम मेरी कसम
नैनों से आ दिल में समा जा

नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी डींगू
ए ढोल बाजे कुडदुम पायल बजे झुम झुम
ढोल बाजे कुडदुम पायल बजे झुम झुम
हाँ जिया बोले सैयां नाचे रे गोरी डींगू
नाचे रे गोरी हई नाचे रे गोरी
नाचे रे गोरी हई नाचे रे गोरी
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Naache re gori dingu-Lajawab 1950

Artist: Rehana

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May 26, 2016

ज़माने का दस्तूर है ये पुराना-लाजवाब १९५०

आज मुकेश और लता का गाया, प्रेम धवन का लिखा
और अनिल बिश्वास का संगीतबद्ध एक गीत सुनते हैं
फिल्म लाजवाब से. इसके बोल लाजवाब हैं.

वैराइटी फिल्म्स बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन
जे पी आडवाणी ने किया था और इसमें जिन कलाकारों
ने काम कइया उनके नाम है- डेविड, इफ्तेखार, प्राण,
रेहाना, सोहन, कुलदीप कौर, कविता, प्रेम धवन और
रणधीर. काम तो और कलाकारों ने भी किया होगा,
फिलहाल यही जानकारी उपलब्ध है. गौरतलब है कि
कलाकारों की सूची में गीतकार का भी नाम है.

जे पी आडवाणी उस ज़माने के फौरेन रिटर्न थे. उन्होंने
जर्मनी से फिल्म का कोई कोर्स किया और फ़िल्में बनाने
हिंदुस्तान वापस आ गए. नारी को परदे पर गरिमा प्रदान
करने वाले आडवाणी ने एक उल्लेखनीय फिल्म बनाई
थी-सस्सी पुन्नू जिसका नाम आपने अवश्य सुना होगा.



गीत के बोल:

ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना
मिटा कर बनाना, बना कर मिटाना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना

वफ़ा क्या यही है, जफ़ा करने वाले
निगाहें मिला कर, निगाहें चुराना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना

मुहब्बत का अंजाम, ज़ाहिर था हम पर
बहुत हमने रोका, मगर दिल न माना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना

कोई आसमाँ से, ज़रा ये तो पूछे
मिला क्या जला कर, मेरा आशियाना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना
मिटा कर बनाना, बना कर मिटाना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना
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Zamane ka dastoor hai ye purana-Lajawab 1950

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