सुंदरी ओ सुंदरी-लाजवाब १९५०
ये भविष्य की एक फिल्म के गीत-मनचली ओ मनचली की
याद दिला देता है. है न जादू. इसमें महिला और पुरुष कोरस
की पंक्तियां ओवरलैप करती हैं जो एक तरीके का अनूठापन है.
अनिल बिश्वास, बीनापानी मुखर्जी और लता मंगेशकर संग
ढेर सारे कलाकारों द्वारा गाया गया ये गीत सोहन और रेहना
अभिनीत फिल्म से है. इस फिल्म में प्रस्तुत गीत के लेखक
प्रेम धवन ने भी काम किया है. संगीतकार हैं अनिल बिश्वास.
फिल्म के अन्य गीत नाचे रे गोरी डिंगू में संगीतकार की
आवाज़ अलग सी लगती है. लगता है ये गुण भी सी रामचंद्र
ने अपने गुरु से ही ग्रहण किया था.
गीत के बोल:
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
ओ सुंदरी
दो दिनों की जिंदगी में क्यूँ कमाए गीत
दो दिनों की जिंदगी में क्यूँ कमाए गीत
मारे जा मारे जा गोरी
मारे जा मारे जा गोरी नैननवा के तीर तीर
जिया लागे ना री जिया लागे ना री
सुंदरी ओ सुंदरी हाय दो दिनों की जिंदगी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
ओ सुंदरी
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
काली काली जुल्फें तेरी गोरे गोरे गाल
ओ गोरी
गोरे गोरे गाल
ओ छोरी
गोरे गोरे गाल
ठुमक ठुमक चाले छोरी मोरनी की चाल
छोरी मोरनी की चाल होए
ठुमक ठुमक चाले छोरी मोरनी की चाल
छोरी मोरनी की चाल
होये होये होये होये होये होये होये होये
झूठे तेरे वादे जा रे झूठे तेरे गीत
जा रे झूठे तेरे गीत
हमको नहीं भाये तेरी प्रीत की ये रीत
तेरी प्रीत की ये रीत
जब तू ही मुंह फेर ले तो
हो छोरी हो गोरी
जब तू ही मुंह फेर ले तो कैसे धारूं धीर
जिया लागे ना री जिया लागे ना री
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
ओ सुंदरी
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
टन टना टन माडल बाजे
ढोल बाजे ढमा ढम ढोल बाजे
जिया बोले धक धक जिया बोले धक धक
हो ओ ओ ओ ओ
दो दिनों की जिंदगी में दिल लगाये कौन
हाँ दिल लगाये कौन
प्रेम की अग्नि में भला जी जलाये कौन
भला जी जलाये कौन
फिर नैन मिला के काहे डारी
हो गोरी हो छोरी
फिर नैन मिला के काहे डारी प्यार की ज़ंजीर
जिया लागे ना री जिया लागे ना री
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
सुंदरी ओ सुंदरी दो दिनों की जिंदगी
सुंदरी
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Sundari o sundari-Lajawab 1950
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