रेशमी उजाला है-शर्मीली १९७१
आज भी. बस मसालों के प्रकार और जनता का टेस्ट बदल गया
है समय के साथ. आज कई लोग नूडल्स के साथ आने वाले टेस्ट
मेकर को आदर्श मसाला माने लगे हैं और स्वाद की परिभाषा कहीं
खो सी गई है. बैंगन के भरते में चाट मसाला डाला जाने लगा है.
इस फिल्म को बड़े परदे पर देख लेने का मौका मिला था एक बार.
इस गीत पर दर्शक कुर्सी से बार बार उठते से प्रतीत होते थे. गीत
आशा भोंसले के लोकप्रिय गीतों में से एक है. ७० के दशक तक हमने
हर दूसरी फिल्म में एक कैबरे नृत्य या क्लब सॉंग देखा. शुद्ध किस्म
की पारिवारिक फिल्म में भी कहीं जबरन घुसेडा गया था कैबरे गीत.
गीत नीरज ने लिखा है और इसका संगीत तैयार किया है बर्मन दादा
ने. जयश्री टी इस गीत पर आपको केब्रास्टिक्स करती नज़र आएँगी.
गीत में जिमनास्टिक्स नामक खेल में प्रयुक्त होने वाली रिंग्स आपको
दिखलाई देंगी. गीत के अंत में जहाज़ के कर्मचारी सरीखा एक युवक
दिखलाई देता है जिसके सूखते हुए कपडे कोई बन्दर ले गया था शायद.
गीत के बोल:
रेशमी उजाला है, मखमली अंधेरा
आज की रात, ऐसा कुछ करो
रेशमी उजाला है, मखमली अंधेरा
आज की रात, ऐसा कुछ करो
हो नहीं, हो नहीं, हो नहीं सवेरा
ऐसी तो रात रोज़ नहीं आये
आँखों से कोई रोज़ ना पिलाये
आज तो जाम से हमारे
पी ले, पी ले, पी ले ज़रा
ज़रा ज़रा ज़रा ज़रा ज़रा
रेशमी उजाला है, मखमली अंधेरा
आज की रात, ऐसा कुछ करो
हो नहीं, हो नहीं, हो नहीं सवेरा
ऐसा रे शबाब और है कहाँ
मेरी ज़ुल्फ़ों का आशिक़ है जहाँ
देखी ना होगी कहीं तूने, ऐसी, ऐसी, ऐसी
अदा अदा अदा अदा अदा
रेशमी उजाला है, मखमली अंधेरा
आज की रात, ऐसा कुछ करो
हो नहीं, हो नहीं, हो नहीं सवेरा
आ मेरे पास सोचता है क्या
आज है मुआफ़ तेरी हर खता
दीवाना तेरे लिये कब से, दिल है दिल है
मेरा मेरा मेरा मेरा मेरा
रेशमी उजाला है, मखमली अंधेरा
आज की रात, ऐसा कुछ करो
हो नहीं, हो नहीं, हो नहीं सवेरा
............................................................
Reshmi ujala hai-Sharmili 1971
Artists: Jayshri T, Shashi Kapoor, Raakhi