Mar 21, 2017

होठों पे सच्चाई रहती है-जिस देश में गंगा बहती है १९६०

मुकेश का गाया एक देशभक्ति से ओत प्रोत गीत सुनते हैं. इसे
एक न एक बार हर नागरिक को ज़रूर सुनना चाहिए.

स्वच्छ भारत अभियान के दौर में इस गीत पर भी विचार मंथन
की आवश्यकता है. कितना हम अपने आदर्शों और मूल्यों से
भटके और कहाँ हमें सुधार की ज़रूरत है. जीवन दायिनी गंगा
को हम कितना सम्मान देते हैं विचारणीय और प्रासंगिक प्रश्न
है. हर नागरिक को नदियों के संरक्षण के लिए कुछ न कुछ
योगदान अवश्य देना चाहिए.

गीत के शुरू की ध्वनियाँ हमारे देश में जगह जगह इस्तेमाल
की जाने वाली परंपरागत आवाजों का मिश्रण है. गीत मुकेश
ने गाया है जिसे शैलेन्द्र ने लिखा और शंकर जयकिशन ने
संगीत से सजाया.




गीत के बोल:

होठों पे सच्चाई रहती है
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं
हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

मेहमां जो हमारा होता है
वो जान से प्यारा होता है
मेहमां जो हमारा होता है
वो जान से प्यारा होता है
ज़्यादा की नहीं लालच हमको
थोड़े मे गुज़ारा होता है
थोड़े मे गुज़ारा होता है

बच्चों के लिये जो धरती माँ
सदियों से सभी कुछ सहती है
हम उस देश के वासी हैं
हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं
इन्सान को कम पहचानते हैं
कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं
इन्सान को कम पहचानते हैं
ये पूरब है पूरब वाले
हर जान की कीमत जानते हैं
हर जान की कीमत जानते हैं

मिल जुल के रहो और प्यार करो
एक चीज़ यही जो रहती है
हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

जो जिससे मिला सिखा हमने
गैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिये अन्धे होकर
रोटी को नहीं पूजा हमने
अब हम तो क्या सारी दुनिया
सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के वासी हैं
हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
…………………………………………………………………
Honthon pe sachchai rehti hai-Jis desh mein Ganga behti hai 1960

Artists: Raj Kapoor, Tiwari, Pran

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