धीरे से जाना खटियन में-छुपा रुस्तम १९७३
जाना बगियन में’ का हास्य संस्करण मौजूद है फिल्म छुपा रुस्तम में.
पहले पहल मुझे ये फिल्म का शीर्षक गीत सा लगता था-इसकी वजह-
इसमें छुपा शब्द का प्रयोग होना. मुझे इसमें रुस्तम शब्द नहीं मिला
इसलिए संदेह ही बना रहा जब तक फिल्म का असल शीर्षक गीत नहीं
सुनलिया. फिल्म का सबसे लोकप्रिय गीत भी यही है.
गोपालदास नीरज ने ये गीत लिखा है और किशोर कुमार ने गाया है.
एस डी बर्मन फिल्म के संगीतकार हैं.
नीरज को आम तौर पर धीर गंभीर कवी माना जाता है मगर फिल्म
वालों ने उनसे लिखवा ही लिया हास्य गीत. गीत में खटमल शब्द के
अलावा साहित्य का उम्दा दर्जे का सामान भी मौजूद है अतः इसे ध्यान
से सुनिए.
गीत के बोल:
धीरे से जाना खटियन में ओ खटमल
धीरे से जाना खटियन में
धीरे से जाना खटियन में ओ खटमल
धीरे से जाना खटियन में
सोई है राजकुमारी सोई है
सोई है राजकुमारी देख रही मीठे सपने
जा जा छुप जा
जा जा छुप जा तकियन में
ओ खटमल धीरे से जाना खटियन में
वीरान थी अपनी ज़िन्दगी और सूना था अपना मकान
हाय हाय रे किस्मत
मिले मुश्किल से ये मेहमान
हो भी जाते शायद मेहरबान
मिले मुश्किल से ये मेहमान
हो भी जाते शायद मेहरबान
आग लगा दी है सुखन में
हो खटमल धीरे से जाना खटियन में
धीरे से जाना खटियन में ओ खटमल
धीरे से जाना खटियन में
कोमल है इनका बदन
काँटे सी तेरी चुभन
कोमल कोमल है इनका बदन
काँटे सी तेरी चुभन
बाधा डाले निंदियन में
ओ खटमल धीरे से जाना खटियन में
ए ए किधर जाता है
खबर खबरदार हाँ छुप छुप के
क्यों छुप छुप के प्यार करे तू
बड़ा छुपा हुआ रुस्तम है तू
क्यों छुप छुप के प्यार करे तू
बड़ा छुपा हुआ रुस्तम है तू
ले ले हमको भी शरण में
ले ले हमको भी शरण में ओ खटमल
धीरे से जाना खटियन में
धीरे से जाना खटियन में ओ खटमल
धीरे से जाना चटियन में
धीरे से जाना
धीरे से जाना बगियन में रे भँवरा
धीरे से जाना बगियन में
…………………………………………………
Dheere se jaana khatiyan mein-Chhupa rustam 1973
Artist: Dev Anand, Hema Malini
0 comments:
Post a Comment