ये झूमते नज़ारे-नई राहें १९५९
सुनते हैं सन १९५९ की फिल्म नई राहें से. प्रेम धवन की
रचना को संगीत से सजाया है रवि ने.
इस गीत को काफी समय से हम ज़ूम ज़ूम हिट्स के अंतर्गत
सुनते हैं. ये उन्हीं को समर्पित है ज और झ को प्यार से ज़
करने वाले अनूठे संगीतप्रेमी को. ये zoomte नज़ारे फिल्माए
गए हैं अशोक कुमार और गीता बाली पर.
गीत के बोल:
ये झूमते नज़ारे तुम पास हो हमारे
कहती हैं कुछ निगाहें समझो ज़रा इशारे
ये राह तो नई है जाने किधर कहाँ गई है
डर लागे हाय कैसे मैं चलूँ संग तुम्हारे
ये झूमते नज़ारे तुम पास हो हमारे
कहता है बहार का मस्ती भरा समाँ
आँखों में आँखें डाल के सुन दिल की दास्ताँ
बाहें गले में डाल दूँ दिल चाहता तो है
फिर सोचती हूँ कर न दे बदनाम ये जहाँ
बदनाम ये जहाँ
कुछ भी कहे ज़माना बातों में तुम न आना
तुमको किसी का डर क्या मैं साथ हूँ तुम्हारे
ये झूमते नज़ारे तुम पास हो हमारे
अपना बना के साजना मुँह मोड़ना नहीं
समझी हूँ जिसको प्यार मैं धोखा न हो कहीं
दिल तो तुम्हारा हो चुका हाज़िर है जान भी
इक बार मेरे प्यार का कर लो ज़रा यकीं
कर लो ज़रा यकीं
ऐसा ना मुँह से बोलिये हम तो तुम्हारे हो लिये
लो हाथ दे दिया है अब हाथ में तुम्हारे
ये झूमते नज़ारे तुम पास हो हमारे
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
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Ye jhoomte nazare-Nai raahen 1959
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