अरे राफ्ता राफ्ता देखो-कहानी किस्मत की १९७३
किस्मत काफी बुलंद है. ये गीत एक ज़माने में खूब बजा
है.
किशोर कुमार द्वारा गाये गए इस गीत में रेखा की आवाज़ भी
है. फिल्मांकन भी रोचक है इस गीत का. शरारत भरे इस
गीत के कई दीवाने ७० के दशक में भी थे और आज भी हैं.
राजेंद्र कृष्ण इसके गीतकार हैं और कल्याणजी आनंदजी ने
इसकी धुन बनाई है.
गीत के बोल:
अरे सुन्नो सुन्नो अरे सुन्नो सुन्नो ऐ भाइयों बहनों
अरे मगन भाई छगन भाई साम्भडो रे साम्भडो
ओ रागोबा ओ धोंडीबा आईगा ओ आईगा
ओ कर्नल सिंह ओ जनरल सिंह
अरे तुझी भी सुणो पापे
अरे राफ्ता राफ्ता देखो आँख मेरी लड़ी है
अरे राफ्ता राफ्ता देखो आँख मेरी लड़ी है
अरे आँख जिससे लड़ी है वो पास मेरे खड़ी है
मुझे जानती है जबसे ये मरती है तबसे
मैं भी इससे चोरी छुपे चाहता हूँ तबसे
दिल में ये मेरे बस गई
ऐ कुड़ी फँस गयी
अरे ये क्या कह रहे हो मैंने ऐसा तो नहीं कहा था
ऐ हे
अरे राफ्ता राफ्ता देखो आँख मेरी लड़ी है
अरे राफ्ता राफ्ता देखो आँख मेरी लड़ी है
अरे आँख जिससे लड़ी है वो पास मेरे खड़ी है
मुझे प्यार सिखाया किसने इसने
मुझे प्यार सिखाया किसने इसने
मुझे प्यार सिखा के दीवाना बनाया किसने अरे इसने
ये प्यार का कमाल है शराब का सुरूर नहीं
होना था सो हो गया किसी का भी कसूर नहीं
साँसों में मेरे रस गयी
ऐ कुड़ी फँस गयी
ओफ्फो ये क्या कह रहे हो मैंने ऐसा तो नहीं कहा था
ऊं हूँ
अरे राफ्ता राफ्ता देखो आँख मेरी लड़ी है
अरे राफ्ता राफ्ता देखो आँख मेरी लड़ी है
अरे आँख जिससे लड़ी है वो पास मेरे खड़ी है
अरे पहले शरारत किसने की इसने की
अरे पहले शरारत किसने की इसने की
अरे पहले शरारत करके मोहब्बत किसने की अरे इसने की
इसको पसंद मैं मुझे ये पसंद है
दिल से मिला है दिल बात यहाँ बंद हैं
बात भी है ये असली
ओ पांडूबा पोरगी फँसली रे फँसली
अरे पागल हो गए हो क्या मैंने ऐसा तो नहीं कहा था
अग ये जवळ ये लाजू नको
ये जवळ ये लाजू नको
ये जवळ ये लाजू नको
.........................................................................
Are rafta rafta dekho-Kahani kismat ki 1973
Artists: Dharmendra, Rekha
0 comments:
Post a Comment