भुस भर दिया मेरी चाहत में-अमानत १९७७
होता है. भूसे के ऊपर भी एक गीत है. आपने अक्सर कई
ग्रामीण क्षेत्रों में भूसा को भुसा कहते सुना होगा लोगों को.
ये बड़े ऊ और छोटे ऊ की घालमेल कुछ और शब्दों में
भी होती है.
बहरहाल, जब भी मैं ये छोटे ऊ वाला शब्द सुनता हूँ मुझे
ये गीत याद आ जाता है फिल्म अमानत का. मन्ना डे ने
इसे गाया है. साहिर लुधियानवी के बोल हैं और रवि का
संगीत. महमूद इसे परदे पर गा रहे हैं.
गीत के बोल:
भुस भर दिया अइयो
भुस भर दिया मेरी चाहत में
भुस भरने वाले लोगों ने
भुस भरने वाले लोगों ने
ये क्या किया हाय
ये क्या किया देखो तो सही
मिलजुल कर साले लोगों ने
मिलजुल कर साले लोगों ने
भुस भर दिया
करी सौ सौ हेरा फेरी थी तब जा के पारी एक घेरी थी
करी सौ सौ हेरा फेरी थी तब जा के पारी एक घेरी थी
मेरा जुड़ता टांका तोड़ दिया तोड़ दिया
मेरा जुड़ता टांका तोड़ दिया
क्यूँ ऐब उछाले लोगों ने
क्यूँ ऐब उछाले लोगों ने
भुस भर दिया
भुस भर दिया मेरी चाहत में
भुस भरने वाले लोगों ने
भुस भरने वाले लोगों ने
भुस भर दिया
पुरखों ने जो पूँजी जोड़ी थी बस एक ही दूकान ही छोड़ी थी
पुरखों ने जो पूँजी जोड़ी थी बस एक ही दूकान ही छोड़ी थी
उस एक दुकान के फाटक पर फाटक पर
उस एक दुकान के फाटक पर
लगवा दिए ताले लोगों ने
लगवा दिए ताले लोगों ने
भुस भर दिया
भुस भर दिया मेरी चाहत में
भुस भरने वाले लोगों ने
भुस भरने वाले लोगों ने
भुस भर दिया
इस इश्क से यारों बच के रहो ऐ अकाल के मारों बच के रहो
इस इश्क से यारों बच के रहो ऐ अकाल के मारों बच के रहो
इस इश्क में कितने लोगों के लोगों के
इस इश्क में कितने लोगों के
मुंह कर दिए काले लोगों ने
मुंह कर दिया काला लोगों ने
भुस भर दिया
भुस भर दिया मेरी चाहत में
भुस भरने वाले लोगों ने
भुस भरने वाले लोगों ने
भुस भर दिया ये क्या किया
हाय ये क्या किया देखो तो सही
मिलजुल कर साले लोगों ने
मिलजुल कर साले लोगों ने
भुस भर दिया
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Bhus bhar diya-Amanat 1977
Artist: Mehmood
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