Jun 21, 2017

हमें काश तुमसे मुहब्बत-मुग़ल-ए-आज़म १९६०

अक्सर हमें वे शब्द जल्दी याद होते हैं जिनका प्रयोग
गीत के मुखड़े में होता है. पहले अंतरे के भी कुछ याद
रह जाते हैं. दूसरे, तीसरे अंतरे का शब्द याद रख पाना
केवल उन्हीं के बस का है जिन्हें गीत याद हो जाता है.

फिल्म आंधी के एक गीत में नशेमन शब्द का प्रयोग है.
फिल्म मुग़ल-ए-आज़म से एक गीत सुनते हैं लता का
गाया हुआ जिसके अंतरे में ये शब्द आता है. इसके बोल
लिखे हैं शकील बदायूनी ने और संगीत है नौशाद का.




गीत के बोल:

हमें काश तुमसे मुहब्बत न होती
हमें काश तुमसे मुहब्बत न होती
कहानी हमारी हक़ीकत न होती
हमें काश तुमसे मुहब्बत न होती

न दिल तुमको देते  न मजबूर होते
न दुनिया  न दुनिया के दस्तूर होते
क़यामत से पहले क़यामत न होती
हमें काश तुमसे मुहब्बत न होती

हमीं बढ़ गये इश्क़ में हद से आगे
ज़माने ने ठोकर लगाई तो जागे
अगर मर भी जाते तो हैरत न होती
हमें काश तुमसे मुहब्बत न होती

तुम्हीं फूँक देते नशेमन हमारा
मुहब्बत पे एहसान होता तुम्हारा
ज़माने से कोई शिकायत न होती
हमें काश तुमसे मुहब्बत न होती
कहानी हमारी हक़ीकत न होती
हमें काश तुमसे मुहब्बत न होती
……………………………………………………
Hamen kaash tumse mohabbat na hoti-Mughal-e-azam 1960

Artists: Madhubala

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